कविता : बुढ़ापा

एके झन होगे जिनगी रिता गे रेंगे बर सफर ह कठिन होगे जिये बर अउ मया बर जीव ललचथे निरबल देह गोड़ लड़खड़ाते आंखी म अपन मन बर असीस देवथे हमर बुजुर्ग मन जेला बेकार अउ बोझ समझेंन एक ठन कोनहा ल उंखर घर बना देन सिरतोन म बुढ़वा होना बोझ हरे घर परिवार बर बिधन बाधा हरे आज के पढ़ें लिखे लोग बर आवव सोचव अउ विचार कर काबर काली हमरो बारी हे इही मोहाटी ले गुजरे के हमरो पारी से ललिता परमार बेलर गांव, नगरी

Read More

नान कुन कहानी : ठौर

“मारो मारो”के कोलहार ल सुन के महुं ह खोर डाहर निकलेव।एक ठन सांप रहाय ओखर पीछु म सात-आठ झन मनखे मन लाठी धऱे रहाय। “काय होगे”में केहेव।”काय होही बिसरु के पठेवा ले कुदिस धन तो बपरा लैका ह बांच गे नी ते आज ओखर जीव चले जातिस”त चाबिस तो नी ही का गा काबर वोला मारथव” “वा काबर मारथव कहाथस बैरी ल बचाथस आज नी ही त काली चाब दीही ता””हव गा एला छोड़े के नो हे मारव “अइसे कहिके भीड़ ह वोला घेर डारिन।तभे वो सांप ह कते डाहर…

Read More

छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर गांधीवाद का प्रभाव

शोधकर्ता: खोबगड़े, रजनी गाइड : चंद्राकर, सुभाष कीवर्ड: संस्कृति पूर्ण तिथि: 2006 विश्वविद्यालय: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर गांधीवाद का प्रभाव अनुक्रमणिका अध्याय प्रथम : छत्तीसगढ़ की संस्कृति संस्कृतिक का परिचय, संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा, संस्कृति संरचना, छत्तीसगढ़ की संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में, छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, छत्तीसगढ़ का लोक साहित्य, कवि समाज की स्थापना, छत्तीसगढ़ की लोक भाषाएँ, छत्तीसगढ़ की लोक बोली, छत्तीसगढ़ शब्द कोष एवं विस्तार छत्तीसगढ़ी लोक गीत करमा गीत, सुवा गीत, ददरिया, पन्डवानी गीत,बांस गीत छत्तीसगढ़ी लोक कलाएँ आदिवासी लोककला छत्तीसगढ़ी लोक…

Read More

छत्तीसगढ़ के व्‍यंग्‍यपरक हिंदी उपन्‍यासों की रचनधर्मिता

शोधकर्ता: सुराना, अभिनेष गाइड : शर्मा, शैल कीवर्ड: व्‍यंग्‍यपरक उपन्‍यास पूर्ण तिथि: 2005 विश्वविद्यालय: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के व्‍यंग्‍यपरक हिंदी उपन्‍यासों की रचनधर्मिता अनुक्रमणिका अध्याय – 1 : छत्तीसगढ़ की राजनीतिक-सामाजिक स्थितियाँ और छत्तीसगढ़ का व्यंग्य-लेखन 1.0 छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि 1.1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 1.2 सामाजिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि 1.3. छत्तीसगढ़ का व्यंग्य-साहित्य एवं व्यंग्यकार 1.4. छत्तीसगढ़ में व्यंग्यानुकूल सामाजिक एवं राजनैतिक परिस्थितियाँ 1.5. छत्तीसगढ़ में गद्य-व्यंग्य लेखन एवं व्यंग्य उपन्यासकार 1.6. शोध-कार्य की प्रविधि एवं सीमाएँ 1.6.1. पूर्व शोधकार्य पर एक दृष्टिकोण 1.6.2. शोध-कार्य की…

Read More