छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस खास – छत्तीसगढ़ी भासा के अतीत, वर्तमान स्वरूप

छत्तीसगढ़ी भासा बोले म सहज अउ सुग्घर हे, ये भासा म कुसियार के रस असन मिठास हे। एकर व्याकरन ल अठारह सौ पचीयासी म हिरालाल चन्नाहु ह लिख डारे रहिस हे। ये व्याकरन ल बछर 1890 म कोलकाता के अंग्रेजी कम्पनी ले प्रकासित घलो कराए गए रहिस हे। छत्तीसगढ़ी भासा छत्तीसगढ़िया मन के महतारी भासा आय। अभी के बेरा म एकर बोलइया लगभग दु करोड़ ले ऊपर हे। छतीसगढ के अलावा नागपुर म बसे छत्तीसगढ़िया, दिल्ली, जम्मू, धमधी (महाराष्ट्र), असाम के चाय बागान के प्रवासी छत्तीसगढ़िया मन के दुवारा घलो छत्तीसगढी बेव्यहार के रूप म बऊरे जाथे।
छत्तीसगढ़ी म भासिक गुन के पूरा उपलब्धता हे ये पूर्वी हिंदी उपभासा के बोली रूप आय। छत्तीसगढ़ी म 8 स्वर दु सन्धिअक्चर अउ 29 मूल व्यंजन के अलावा 6 संयुक्त व्यंजन हाजिर हे। छत्तीसगढ़ी के 9 बोली रूप हे जे हर भासाई नजरिया ले छत्तीसगढ़ी ले आनेच रूप म हे, जेमा ख़लताही, पंडो, देवारी, हल्बी, डंनगचघा, सरगुजिहा, आदि हे।
छत्तीसगढ़ी ल 28 नवंबर बछर 2007 म विधानसभा म संविधानिक रूप ले राजभासा के दरजा देहे गए हे। बछर 2008, 14 अगस्त के दिन एकर बढोत्तरी खातिर राजभासा आयोग के घला गठन करे गे हे। छत्तीसगढी म वर्तमान बेरा म हर साहित्य के लेखन होवत हे, कहिनी, कविता ले लेके हरेक विधा के रचना अभी के बेरा म छत्तीसगढि़या प्रेमी कलमकार साहित्यकार मन करत हे। ओमन के प्रोत्साहन खातिर राजभासा आयोग ह दस हजार रुपिया के अनुदान घला देवत हे। छत्तीसगढ़ी हर गोठ बात म तो बउरे जात हे फेर पढ़ई-लिखई अउ सरकारी काम-कारज म बउरे नई जावत हे। जबकि सविधान म बेवस्था हे कि लइका मन ल ओकर महतारी भासा म सुरवाती सिक्छा देहे जाए। एकर संगे-संग सरकारी काम कारज घलो ओकर इस्थानिय भासा म होना चाही। अब तो सुप्रीम कोरट ह घलो दिसा निर्देस दे देहे हे की न्यायालय के फैसला इस्थानिय भासा म करे जाना चाही। ये हिसाब ले छत्तीसगढी म फैसला होना चाही। फेर एको ठन बुता नई हो पावत हे।
छत्तीसगढ़ी ल लेके जरूर ओट के राजनीति होवत हे, अभी चुनई म देख लव पूरा परचार ल लेके पार्टी के उमीदवार मन छत्तीसगढ़ी ल बेलुजर बउरत हे। सोसल मीडिया म घला छत्तीसगढी ल प्रचार के रूप म बउरत हे। अपन भासन बाजी म घलो छत्तीसगढी ल उपयोग करत हे। फेर चुनई जीते के बाद येमन ल छत्तीसगढी गरु धरे ल लग जाथे। चुने के बाद छत्तीसगढी ल भुला लेथे। कोनो विधायक, मंत्री विधानसभा म न तो छत्तीसगढी म बोले न तो प्रस्न दागे। एक बात जरूर हे के पाछू बछर राज्यसभा संसद छाया वर्मा ह उच्च सदन म छत्तीसगढी ल आठवी अनसूचि म संघराये खातिर अपन गोठ बात छतीसगढ़ी म रखे रहिस।
अभी के स्थिति म छत्तीसगढी सिरिफ मनोरंजन के साधन बन के रही गे हे। एक प्रयास रविसंकर विश्वविद्यालय ह छत्तीसगढी के बढोत्तरी खातिर एम. ए. छत्तीसगढी के सुरवात बछर 2013 ले करे हे। एकर अलावा पत्र-पत्रिका टीवी चेनल जइसे हरिभूमि चौपाल, देशबन्धु मड़ई, दैनिक भास्कर संगवारी, अमृत सन्देस अपन डेरा, अंजोर, राजिम टाइम्स, आईबीसी24, ईटीवी, आई.एन.एच., गुरतुर गोठ डॉट कॉम, हांका छत्तीसगढ़ी के अलावा नियूज छत्तीसगढी 24 लाइव, छत्तीसगढी ल जगा दे हे के बुता करे हे। फेर छत्तीसगढी़ ल अब भी वो सम्मान नई मिले हे जेकर वो असली हकदार हे। जब तक इस्कूली सिक्छा अउ सरकारी काम-कारज म येला बउरे नई जाहि तब तक ये अपन साख खातिर जूझत रहिही।
अभी विधानसभा चुनई हे फेर एको राजनीतिक पारटी मन अपन घोसना पत्र छत्तीसगढ़ी म नई जारी करे हे। जबकि एक न्यूज चेनल लल्लू राम ह राजनीतिक पार्टी मन ले छत्तीसगढी म चुनावी घोसना पत्र जारी करे के गोहार करे हवय।
छतीसगढ़ी रेलवे उदघोसना, मोबाइल सेवा अउ रेलवे टेसन के बोर्ड मन म बउरे जरूर जात हे, फेर राज्य सासन म कुछ कुछ जगा नारा अउ विग्यापन ल छोर के कहु एकर बगराव नई होवत हे।
छत्तीसगढी ल घोसना पत्र म सामिल करे खातिर एक प्रोग्राम म साहित्यकार श्री दुर्गा प्रसाद पारकर ह राज्यसभा संसद श्रीमती छाया वर्मा ले निवेदन करिस जेला उन ह सुविकार करत हुए ओकर निवेदन ल मानिन अउ अपन पारटी के घोसना पत्र म सामिल करे के बात कहिन। छत्तीसगढ़िया महिला कान्ति सेना ह घलो छत्तीसगढी ल अधिकार देवाय खातिर पदयात्रा निकाल के उच्च न्यायालय तीर गोहार लगाए हे। संगे संग छत्तीसगढ़ी के दरखास खातिर एकर पूरा टीम ह दिल्ली तक प्रदर्शन करे रहिस। छत्तीसगढिया कान्ति सेना ह छत्तीसगढी ल ओकर हक देवाय खातिर लगातार उदिम करत हे। कुछ कुछ संगठन बिसेस ह घलो छत्तीसगढी ल लेके विचार गोष्टि अउ प्रोग्राम करवाथे।
छत्तीसगढी भासा बर अब सब ल जुरियाये के जरूरत हे छिर्रा-छिर्रा होय ले छत्तीसगढी ह बिखरत जात हे। पूरा-पूरा जनसमर्थन तैयार करके ही छत्तीसगढी ल उचित मान सम्मान देवाय जा सकत हे। सब ल सकला के छत्तीसगढी के मांग तगड़ा करके ही पढ़ई-लिखाई अउ काम-कारज के माध्यम म बउरे बर दबाव बनाए जा सकत हे।
गाड़ी हे रिंगिर चिंगीर, बइला हे जवान।
छत्तीसगढी हमर महतारी भासा आय,
हावय राज के पहिचान।
जय जोहार, जय छत्तीसगढी, जय छत्तीसगढ़।

रितुराज साहू
शोधार्थि (भासाविज्ञान)
पता-सड्डू रायपुर
मोबाइल.9171649642

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