पेड कटागे कटाही रूख पेड लगाबो
नई मिलय छांव उजरही जंगल जुरमिल मितान
पानी अटागे जीबे कईसे तभे बिहान
देखहु तुम
अईसे दिन आही
हवा बेचाही
मिलही फर
अउ मिलही छॉंव
पेड लगाव
होही जंगल
तभे गिरही पानी
गठिया लेव
पेड काटहु
नई गिरही पानी
परही अकाल
अजय साहू ‘अमृतांशु’
9926160451