ग़ज़ल

झपले तैं आ जा मोर कना,
अंतस ला समझा मोर कना.

सबके जिनगी मा सुख-दुख हे,
पीरा ला भुलिया मोर कना.

जिनगी भर जऊन रोवत हें,
उनला झन रोवा मोर कना.

बात बिगड़ जथे, बात बात मा
बात बने फरिहा मोर कना.

पीथे अँधियारी ल दिया हर,
बार दिया ला तैं मोर कना.

कतको झन जियत हे, भरम मा
थोरकिन लखा तैं मोर कना.

जग मा कतको झन सुते हें,
‘बरस’ झन ओरिया मोर कना.

बलदाऊ राम साहू
मो 9407650458



Related posts