बतावव कइसे ?

मया पिरीत म बँधाय हन जम्मो,
ए बँधना ले पाछू छोड़ावव मै कइसे? !1!

बिना लक्छ के मोर डोंगा चलत हे,
येला बने कुन रद्दा देखावव मै कइसे? !2!

तोर दुख अऊ पीरा ल मानेव अपन मै,
ओ पीरा ल तोर भूलावव मै कइसे? !3!

नी देखे सकव तोर आँखी म आँसू,
बिन जबरन तोला रोवावव मै कइसे? !4!

सुरता ह तोर बड़ सताथे ओ संगी,
अपन सुरता करवावव मै कइसे? !5!

मया त तोर ले बड़ करथो जहुरिया,
ये मया ल तोला जतावव मै कइसे? !6!

ये मया पिरीत के अंधेरी कुरिया म “राज”,
मोर आरूग मया ल बतावव मै कइसे? !7!

पुष्पराज साहू “राज”
बोईरगाँव-छुरा (गरियाबंद)

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5 Thoughts to “बतावव कइसे ?”

  1. Pushpraj

    मोर आरूग मया…. मोर संगी बर।

  2. Raipur striker

    Bahut sunder ji….

    1. Pushpraj

      Thank you Raipur striker

  3. Nilesh

    Very nice Gazal bhai

  4. Pushpraj

    Bahut bahut dhanyvaad bhai shab

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