हमर बाबा गुरु घासीदास दास के सबले बड़े विचार रहिस हे के सब्बो मनखे एक समान हरे कोनो म भेद भाव ऊंचा नीच के भावना झन रहे तेखरे बर अपन जियत भर ले सब्बो मनखे ल जुरियाये के परयास बाबा गुरुघासीदास ह करिस। बाबा ह सब्बो मनखे के चित्त म मया सत्य अहिंसा अउ शांति ल डारे के परयास हमेशा करिस तेखरे सेती बाबा के प्रतीक चिनहा के रूप म सफेद जैतखाम सब्बो जगह गाडियाये रहिथे। जेन ह सत्य अउ ग्यान के प्रतीक हे कहे जाथे की जेन भी मनखे ह स्वेत जैतखाम के तीर ले किंजरथे तेख मन म शांति के भाव जाग जाथे, येही ह पूरा संसार म सबले बड़े सत्य अउ ग्यान ह हवय जेखर ले सब्बो मनखे श्रेष्ठ बनथे, कोनो भी मनखे जाती पाती ल अपन आप ल बड़े महान नइ मान सकय, येखर ले मनखे म अलग-अलग बंटे के भावना जनम लेथे जेखर ले मनखे के मन म कपट भावना ह उत्पन होथे, बाबा गुरु घासीदास ह सब्बो मनखे ल एक समान करे सब्बो के अंदर मया अउ सत्य के जोत जराये बर सतनामी समाज के नीव ल राखिस, सतनामी जेखर मतलब होथे सत्य के नाव सत्य ल ही ईस्वर मानथे ओहि ह महान हे, बाबा के मन म सतनामी जाति के विचार आये के कारन येही हे के मनखे मन के मन ले उंच-निच जाति के भेद भाव एक दूसरे जाति ल छोटे बड़े मान के छुवा छूत के भाव ल सब्बे के मन ले दूरिहा करिस, बाबा गुरु घासीदास के दे संदेश कई बछर तक पूरा देश म बगरे रही काबर के बाबा के संदेश ले सब्बो मनखे ल एक संग एके धागा म जोड़े के परयास रहिस हे, सब्बो मनखे चाहे कोनो जाति पाती के होये सब्बो ल एक समान जिये के रहे के पूरा अधिकार हे, येखर सेती सतनाम के ग्यान ल सब्बो मनखे ल अपना चही, अउ सत्य अहिंसा मया के रददा म रेंगना चाही,
ग्यान जगबो सब म मान जगबो सब म,
मया करे बर आये हं संगी, मया बगरबो सब म।
अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर मोर छत्तीसगढ़।