अब अथान आमा के खाव,आगे गरमी कम हे भाव।
झोला धर के जाव बजार,*लानव आमा छाँट निमार।
मेथी संग मा सरसों तेल,येकर राखव सुग्घर मेल। *
मेथी अउ सरसों के दार,चिटिक करायत होथे सार। 2
पीसे हरदी बने मिलाव,लहसुन डारे झने भुलाव।
जीरा के येमा हे खेल,नापतौल के डारव तेल। 3
मिरचा सिरतो कमती खाव,स्वाद देख के नून मिलाव।
थोरिक अदरक घलो मिलाव,दू दू दिन मा बने हिलाव। 4
गोही ला झन फेंकव हेर,लेव स्वाद खाये के बेर।
अब्बड़ मिठाथे गोही जान,आमा सँग मा बनय अथान। 5
राखव कुछ दिन येकर ध्यान, सुग्घर बनही आम अथान।
सब के मुँह मा पानी आय,रोज बिहनिया अथान खाय। 6
घर मा जे दिन नइ हे साग,सब अथान के गावय राग।
दूसर घर के बने अथान,अबड़ मिठाथे सब ला जान। 7
घेरी भेरी कहय मितान,देबे महूँ ल आम अथान।
पारा भर के जी ललचाय,रोज रोज माँगे ला आय। 8
बाँटत बाँटत जी करलाय,मोर सुवारी रार मताय।
निसदिन वोला मैं समझाँव,बाँट बाँट के येला खाव। 9
बिहना बासी के संग खाव,दिनभर घूमव मौज मनाव।
पाचक होथे आम अथान। बात गजब के येला जान। 10
अजय अमृतांशु
भाटापारा
मोबा. 9926160451