डॉ. पीसीलाल यादवमनखे-मनखे एक समान"गंवई-गंगा" के गीत गवइयासरग हे जेकर एड़ी के धोवनतैं ठउंका ठगे असाढयुग प्रवर्तक हीरालाल काव्योपाध्यायतईहा के गोठ ल बईहा लेगे - कबितामाटी माथा के चंदनसरग ह जेखर एड़ी के धोवन - डॉ. पीसी लाल यादव