खुसरा चिरई के बिहाव वाले
कपिलनाथ मिश्र के जन्म खरौद म होय रहिस आप लोचन प्रसाद पाण्डेय के समकालीन रहेव। मिश्र जी लक्ष्मणेश्वर मंदिर खरौद के सबले बडे़ पुजारी रहिन। विनोद प्रियता उंकर कविता के मुख्य विसय आए। सन् 1954 म उंकर खुसरा चिरई के बिहाव नाम के किताब प्रकाशित होय रहिस उंकर ए छोटकन ग्रंथ म छत्तीसगढ़ म पाये जाने वाला सब्बेच चिराई के सुभाव के बरनन हे।
गुरतुर गोठ म संजोए उंखर रचना –