स्वाधीनता अउ स्वाभिमान के प्रतीक
पंडित सुकलाल परसाद पांडेय के जनम गोविन्द हरि पाण्डेय के पुत्र रूप म असाढ़ महीना के कोनो सुभ दिन म 1886 म सिवरीनारायण म होय रहिस। 1903 म उन नार्मल स्कूल रायपुर म भर्ती होइन उहा उंकर भेट कामता परसाद गुरू ले होइस 1917-18 म सिक्छण प्रसिक्छण महाविद्यालय म उंकर साहित्यिक रूचि म इजाफा होइस।
छत्तीसगढ़ गौरव
पांडेय जी ल कई भाषा के गियान रहीस फेर उन हिन्दी अउ छत्तीसगढी़ म गीयां ग्राम-गीत भूल भुलैया लिखिन। एकर सिवाय हिन्दी म उंकर भातृ मिलन (नाटक) मैथिली मंगल (खण्डकाव्य) छत्तीसगढ़ गौरव अउ नैषध काव्य परसिद्ध किताब आय। पांडेय जी सुभिमान के साक्छात मूति रहीन 2 जनवरी 1951 म रायगढ़ के अस्पताल म उंकर इंतकाल होगइस।
गुरतुर गोठ म संजोए उंखर रचना –