Categories कविताभूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी Post author By admin Post date 1 Comment on भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी बुधारूकठल कठल के रोथेमनटोरा ओखरचूमा लेथेचूमा ह रोटी नोहेमनटोरा हा सोंचथेमयबुधारू खातिररोटी बन जातेंव ।डॉ.राजेन्द्र सोनीचित्र http://feedingavillage.org से साभार ← दू आखर…. : (सम्पादकीय) बुधराम यादव जी → इही तो आजादी आय One reply on “भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी”अत्यंत मार्मिक अभिव्यक्ती!!Comments are closed.
One reply on “भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी”
अत्यंत मार्मिक अभिव्यक्ती!!