मनखे मनखे ल मठात तो हे
अन कइसे मनखे बतात तो हे।
मोर हाथ म टंगली नइते ह,
कोनो जंगल फटफटात तो हे।
मोर पियास के सुन के सोर,
कोनो तरिया के पानी अंटात तो हे।
सेयर घोटाला मेच फिक्सिंग चारा घोटाला चल,
कुदु कर के देख के नांउ करा त तो हे।
इहां इमानदार के कमी नइये,
बैंक के किस्त ला पटात तो हे।
ये मचहा वाला ले तो कोंडा ह बने हे,
चल दुदुकाही गोठियात तो हे।
रन रन रन वाली मिलही करेंठ
कागज म कुआं खनात तो हे।
नारायण बरेठ
गोपिया पारा, अकलतरा,
जिला – बिलासपुर, छ.ग.
कागज़ म कुआं खनात तो हे….
बहुत बढ़िया…
अन कइसे मनखे बतात तो हे