बनगे छतीसगढ़ धाम, अब तो किरपा कर राम ।।
तोर ममा गोते हा राज बनगे।
कभू सोचे नइ रहे होबे, वो आज बनगे ।।
सब जुरमिल के, लड-जूझ के राज बनाइन
पहिलिच बरिस पानी बर बसाये तय।
सब सुम्मत-सुकाल बर हाथ लमाइन,
पहिलिथ बरिस धान कटोरा रिताये तय।
अब दाना-दाना हर हमर लाज बनगे ।1।
तोर ममा …
कहाँ लिखे भाग हमर पेज अउ सीथा,
के लिखे हमर भाग सिरिफ मूख-पियास ला ।
कहां लिखे भाग हमर देस मा डेरा,
के लिखे हमर माग सिरिफ बनबास ला ।
पेट बिकाली मा घुमइ हमर काज बनगे ।2।
तीर ममा …
चिख-चिख के सबरी हा बोइर खवाइस,
का भूलागे तैंहा सिवरीनरायेन ।
दंडक बन घूमे धात झूझंकुर-झूझंकुर,
का भूलाने तेहा अपन रमायन ।
का सुरता तोर भूलाने दूबराज अन्न के ।3।
तोर ममा …
किशोर कुमार तिवारी
भिलाई नगर ( 2000 में लिखे कविता)