सुग्घर कविता अउ गीत, चाहे हिन्दी के हो, चाहे छत्तीसगढ़ी के, सुन के मन के मँजूर मस्त होके नाचना सुरु कर देथे. इही मस्ती मा महूँ अलवा-जलवा कविता लिखे के उदीम कर डारेंव. नान्हेंपन ले साहित्यिक वातावरन मिलिस. कविता अउ गीत त जइसे जिनगी मा रच-बसगे. बाबूजी के ज्यादातर कविता छन्द मा लिखे गये हें ते पाय के मोरो रुझान छन्द बर होना सुभाविक हे.
अलग-अलग छन्द के बारे मा जाने के, सीखे के अउ लिखे के बिचार करके दुरूग, भिलाई, रइपुर, बिलासपुर के किताब दुकान मन ला छान मारेंव फेर कोन्हों दुकान मा छन्द बिधान के किताब नइ मिलिस. इही चक्कर मा जबलपुर अउ लखनऊ के घला चक्कर मार के आ गेंव फेर कोन्हों सफलता नइ मिलिस. किताब दुकान मन मा हिन्दी बियाकरन के किताब मिलै जेमा दस-बारा पन्ना छन्द के रहाय. उहू मा दू-चार छन्द के बारे मा थोर-बहुत जानकारी रहाय.
इंटरनेट मा खोजत-खोजत एक घाव ओपन बुक्स आन लाइन वेबसाइट मा पहुँच गेंव. येहर सीखे सिखाये के मंच आय सरी दुनियाँ मा अइसन सुग्घर मंच अउ कहूँ मोला नजर नइ आइस. इहाँ मोला कई किसिम के छन्द के जानकारी मिलगे. येखर सदस्य बने के बाद मँय अलग-अलग छन्द मा हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी मा लिखना सुरु करेंव.
इही बरस (२०१५) के सुरुवात मा मोर हिन्दी छन्द संग्रह के किताब “शब्द गठरिया बाँध” अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद ले परकासित होईस जेमा दोहा, रोला, कुण्डलिया, आल्हा, मरहठा, मरहठा-माधवी, सरसी, कामरूप, गीतिका, उल्लाला, चौपई,घनाक्षरी, छन्न-पकैया अउ सवैया छन्द जइसन अलग-अलग प्रकार के छन्द मा लगभग दू सौ ले ऊपर छन्द बद्ध कबिता के संग्रह हे. इही किताब मा कह-मुकरी के घला संग्रह हे.
हिन्दी के बाद अब मँय छत्तीसगढ़ी मा लिखे छन्द अधारित कविता के संग्रह परकासित करत हँव जेकर नाम हे “छन्द के छ” . येमा अलग-अलग किसिम के ५० छन्द मा लिखे मोर कविता के संग्रह हे. मोर हिन्दी के पहिली छन्द संग्रह “शब्द गठरिया बाँध” ला आप मनन पसन्द करे हौ . कुछ संगवारी मन कहिन कि छन्द के नाम के संगेसँग कोन छन्द के लिखाई मा कोन –कोन नियम देखे जाथे , लिखे रहे ले हमू मन छन्द लिखे के उदीम करे रहितेन.
संगवारी मन के ये सुझाव ला धियान मा धर के मँय अपन छत्तीसगढ़ी छन्द संग्रह “छन्द के छ” आप मन ला समरपित करत हँव. ये किताब मा हर कविता के आखिरी मा यहू जानकारी लिख दे हँव कि फलाना छन्द के नियम का हे अउ वोहर कइसे लिखे जाथे. छन्द लिखे बर सुरुवाती जानकारी अपन अनुभव के अधार मा प्रस्तुत करे हँव.
मँय कोन्हों छन्द के बिद्वान नोहौं भाई, बस अपन लगन अउ रुझान के कारन कई जघा ले छन्द ऊपर जानकारी सकेल के हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी मा छन्द लिखे के कोसिस करे हँव. मँय अपन डहर ले कोसिस करे हँव कि पढ़इया मन अउ छन्द बिधा मा लिखे के सऊँक रखइया संगवारी मन ला छन्द के बारे में सही-सही अउ सुरुवाती जानकारी मिल सकै. तभो ले ये किताब छन्द बिधान बर कोन्हों किसिम के दावा नइ करै. एती-ओती ले जउन भी जानकारी मिल पाइस हे, आप मन संग साझा करत हँव.
–अरुण कुमार निगम
एच.आई.जी. १ / २४
आदित्य नगर, दुर्ग
छत्तीसगढ़