छत्तीसगढ राज के जनम 1 नवंबर 2000 के दिन होइस हे। लाखों-लाख जनता के आँखी के सपना जब सच होइस, पूरा होइस ता खुशी के मारे आँखी के आँसू थिरके के नांव नइच लेवत रहीस। कतका प्रयास, कतका आंदोलन अउ कतका संघर्ष के पाछू हमला हमर छत्तीसगढ राज हा मिलीस। छत्तीसगढ हा बच्छर 2000 के पहिली मध्यप्रदेश मा सांझर-मिंझर के चलत रहीस हे। एक बङका राज के संरक्छन मा छत्तीसगढ के सुवाँस हा अपनेच छाती भीतरी फूलय अउ छटपटी हा सरलग बाढत रहीस। एक ठन बङे बर रुख के खाल्हे छँईहा मा कोनो नान्हें पेङ-पउधा हा नइ बाढय, अइसनहे हमर छत्तीसगढ राज हा मध्यप्रदेश के छँईहा मा अइलायवत रहीस। छत्तीसगढ के बिकास अउ सरी बढ़ोना बर वोला एक सुतंत्र राज के रुप मा छत्तीसगढ ला मध्यप्रदेश ले अलग होय बिन बङ मुसकुल रहीस। अपन बिकास के खातिर, अपन सरी सपना ला सच करे खातिर हमला छत्तीसगढ राज के सुतंत्र इस्थापना अउ निर्मान हर हाल मा होना रहीस। इही बिकास के चाहत हा,मुसकुल अउ परसानी ले मुक्ती के आस हा हमला हमर छत्तीसगढ राज ला अलग बनाय बर प्रेरित करीस हावय। सिधवा, गँवखुरहा छत्तीसगढिया मन भुखमरी,पिछङेपन अउ अराजकता ले छुटकारा पाये बर छत्तीसगढ राज निर्मान के सपना अपन आँखी मा काजर कस आँज के राखे रहीन। हमर भारत देश कस हमर छत्तीसगढ के आत्मा घलाव गँवई-गाँव मा बरथे। इही छत्तीसगढिया आत्मा ला अपन सम्मान अउ स्वाभिमान भरे जिनगी जीये बर छत्तीसगढ राज के खच्चित जरुरत रहीस। सुतंत्र निर्मान बिना छत्तीसगढ ले गरीबी, भुखमरी, असिक्छा,कुपोसन,रोजी-रोजगार जइसन समसिया के समाधान कभूच नइ हो पातीस। ए सबो झंझट ले छुटकारा पाय बर नवा राज के रुप मा छत्तीसगढ राज के सुतंत्र इस्थापना नियावसंगत अउ तारकिक रहीस हे।
देश मा नवा राज के निर्मान करना कोनो हाँसी ठट्ठा के खेल नो हे। नवा राज हा कोनो दुकान मा बेचावत खेलौना नो हे जेला कोनो हा कभु भी बिसा डारही। छत्तीसगढ राज इस्थापना के सपना देखत-देखत आँखी हा पथराय ला धर ले रहीस। चारो खुँट अंतस मा हदासा के अंधियारी हा समाय ला धर ले रहीस। अइसने घपटे अंधियारी मा अटल बिहारी बाजपेयी हा आशा के सूरुज बन के चमकीस। बच्छर 1998 मा छत्तीसगढ के धरती रइपुर मा उमीद के सूरुज बन के अटल जी हा लोकसभा चुनाव प्रचार करे बर आइन। अटल जी हा अपन नांव कस एक ठन अटल परन करीन इहां के जनता ले करीन अउ कहीन के तुमन मोला अपन 11 लोकसभा सीट के 11 के 11 सीट जीतवा के दव ता मैं हा तुँहर सपना मा बसे छत्तीसगढ राज ला बना के देहूँ। चुनाव के परिनाम आइस ता भाजपा हा 11सीट मा 8 सीट जीत लीस। अटल बिहारी बाजपेयी हा प्रधानमंत्री बनीन अउ अपन अटल परन छत्तीसगढ राज के निर्मान के उदिम ला पहिलीच दिन ले सुरु कर दीन। मध्यप्रदेश राज्य पुर्निमाण विधेयक ला 25 जुलाई 2000 के लोकसभा मा प्रस्तुत करीन। इही दिन अउ दू ठन नवा राज निर्मान के बिधेयक लोकसभा मा पेस करीन। 31 जुलाई 2000 के लोकसभा मा अउ 9 अगस्त 2000 के राज्यसभा मा छत्तीसगढ राज निर्मान के प्रस्ताव उपर मोहर लग गीस। 25 अगस्त 2000 के दिन राष्ट्रपति हा ए प्रस्ताव ला मंजुरी दे दीस। 4 सितंबर 2000 के भारत सरकार के राजपत्र मा छपे के पाछू 1 नवंबर 2000 के दिन हमर नेवरिया छत्तीसगढ राज हा भारत देश के 26 वाँ राज के रुप मा इस्थापित हो गीस। ए तरह हमर दुलरवा प्रधानमंत्री अटल जी के अटल परन छत्तीसगढ राज के इस्थापना ले पूरा हो गीस। जम्मो जनता मन के मन के मनौती हा पूरन होगे। हमर छत्तीसगढ राज के जनम देवइया महतारी-बाप अटल बिहारी बाजपेयी अउ उंखर भाजपा सरकार हा बनीन। छत्तीसगढ राज हा अलगियाय के पहिली मध्यप्रदेश राज मा 1 नवंबर 1956 ले के 31 अक्टूबर 2000 तक याने 44 साल संघरा समाय रहीस। जब हमन मध्यप्रदेश के निवासी रहेन ता हमर राजधानी भोपाल हा रहीस। एखर पहिली छत्तीसगढ राज के हिसा हा सेन्ट्रल प्रोविंस एंड बेरार मा रहीस। जउन जनता के जनम 1 नवंबर 1956 के पहिली होय रहीस हे ते मन हा तीन-तीन राज मा रहे के सुख पाय रहीन।
जइसे नवा बच्छर के उतसव हा 31 दिसंबर के अधरतिहा 12 बजते साठ सुरु हो जाथे वइसने 31 अक्टूबर 2000 के अधरतिहा 12 बजते साठ छत्तीसगढ राज इस्थापना के चारों खुँट -चारों मुङ़ा नवा उछाह के उतसव सुरु हो गीस। हाँसी खुशी , नवा जोस ,नवा सोंच,नवा उरजा अउ नवा उछाह ले नवा राज निर्माण के सरी प्रदेशवासी मन एक दुसर ला बधई अउ शुभकामना दे बर धर लीन। ए सब मा सबले जादा जय-जयकार अउ आसीरबाद उही समे के प्रधानमंत्री अटल जी के होइस। सबले बङका देवारी इही दिन हमर सरी छत्तीसगढ मा घरो-घर मनाय गीस अउ देवदूत बरोबर नवा राज के जनम देवइया अटल जी के अंतस ले अभार मानीन।
हमर छत्तीसगढ राज ला बने आज सोला बच्छर होगे हावय। एखर इस्थापना हा 1 नवम्बर सन् 2000 मा होय रहीस। हमर छत्तीसगढ राज के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री सिरी अटल बिहारी बाजपेयी के जनम हा बङे दिन याने क्रिसमस के दिन 25 दिसम्बर ऐ1924 के दिन बङे फजर मा होय रहीस। इंखर ददा के नांव पंडित कृष्ण बिहारी बाजपेयी अउ महतारी के नांव कृष्णा बाजपेयी रहीन। इंखर ददा हा ग्वालियर के इस्कूल मा गुरुजी रहीन। ए मन हा सिक्छक के संगे संग हिन्दी अउ ब्रज भासा के प्रसिद्ध कवि रहीन। इंखर मन के असल निवास उत्तरप्रदेश के आगरा जनपद के बटेश्वर गांव हा हरय। नान्हेंपन ले पढई-लिखई अउ कविता करे मा मन रमगे अटल जी के। बाप के बंशगुन मा अटल जी ला कविता लिखे के गुन हा अपन लहू मा मिलीस। अटल जी ला किताब पढहे के सउख बङ रहीस। महातमा रामचन्द वीर के लिखे अमर किताब *विजय पताका* ला पढके अटल जी के जिनगी के दिशा अउ दशा हा बदल गे।
अटल जी हा भाजपा के अघुवा बनीन अउ सन् 1997 मा प्रधानमंत्री पहिली बेर बनीन। 19 अप्रैल 1998 ले 22 मई 2004 तक फेर एक बेर अटल जी हा प्रधानमंत्री बनीन अउ 24 दल के गठबंधन सरकार ला पाँच साल बङ सुनता ले सुग्घर चलाइन। ए पाँच साल मा अटल सरकार हा देश मा अब्बङ नवा-नवा प्रगति अउ उन्नति करीन। इही समे मा हमर छत्तीसगढ राज के इस्थापना करके हमर बिकास के दुवार खोलीन। अपन सरल,सहज अउ मिलनसार कवि हिरदय के कारन अटल जी हा जन-जन के लोकप्रिय नेता बन गीन। इंखर इही सुभाव हा बिरोधी मन के घलो मन ला हर लँय। इंखर अटल योगदान के कारन अटल जी ला दिसंबर 2014 मा भारत रत्न के सबले बङे सम्मान दे गीस। एखर ले जबर सम्मान हमर छत्तीसगढिया मन के अंतस मा अटल जी के प्रति हावय जउन हा हमला हमर खुशहाली के उङान उङियाय बर सुतंत्र अगाश दीन। अटल जी सुवसथ रहय,हमर संग सरलग रहय,इंखर आसीरबाद हमला मिलत रहय इही उंखर जनमदिन मा हमर राज भर के इही शुभकामना हावय।
कन्हैया साहू “अमित”
शिक्षक
भाटापारा (छ.ग)
संपर्क:-9753322055
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