सहज, सरल, मिलनसार अउ मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी सुशील यदु जी के पिता के नाम स्व.खोरबाहरा राम यदु रहिस ।… Read More
छागे इंटरनेट हा, महिमा अपरंपार। घर बइठे अब होत हे, बड़े-बड़े व्यापार।। बिन खरचा के होत हे, बड़े-बड़े सब काम।… Read More
छन्न पकैया छन्न पकैया,पक्का हम अपनाबो नइ लेवन अब चीनी राख़ी,देशी राखी लाबो। छन्न पकैया छन्न पकैया,बहिनी आँसों आबे। हमर… Read More
निगम जी के "छन्द के छ' पढे बर मिलीस। पिंगल शास्त्र के जानकारी देवइया किताब ल महतारी भाखा म पढ… Read More
"ओरिया के छांव" के मनीराम साहू "मितान" के पहिली छत्तीसगढी कृति आय। छत्तीसगढ के गॉंव-गँवई ल जेन जानना चाहथे उनला… Read More
जेन भाखा म जतके सरलता,सहजता अउ सरलगता होही वो भाखा उतके उन्नति करही, अँग्रेजी भाखा येकर साक्षात उदाहरण हवय ।… Read More
छत्तीसगढ म जतका महान विभूति अवतरित होईन ओमा मिनी माता के प्रमुख स्थान हवय। माता मिनी न केवल कुशल राजनेता… Read More
दोहा हिन्दी साहित्य के जुन्ना विधा आय। भक्तिकाल में कबीर, सूर, तुलसी, रसखान, रहीम आदि कवि मन दोहा के माध्यम… Read More
सरग इंहे, नरक इंहे । मरे के बाद कोन जीव कहाँ जाथे तेला कोनो नद जानय। बने करम करबे त… Read More
छत्तीसगढ के जम्मो सरकारी स्कूल म पहली ले पाँचवी कक्षा तक पढईया लईका मन ला अब भाषा,गणित विज्ञान के अलावा… Read More