कीवर्ड: कला और मानविकी, छत्तीसगढ़ी की साहित्यिक पत्रकारिता, दैनिक देशबंधु
पूर्ण तिथि: 2017
विश्वविद्यालय: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय
दैनिक देशबंधु के संदर्भ में छत्तीसगढ़ी की साहित्यिक पत्रकारिता का विश्लेष्णात्मक अध्ययन
अध्याय प्रथम
छत्तीसगढ़ी की साहित्यिक पत्रकारिता का विकास :- लघु पत्रिकाओं का योगदान <- येला क्लिक करके पढ़व
1.1 आरंभिक दौर
1.2 स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व का दौर
1.3 स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् का दौर
1.4 नई शताब्दी के आरंभ का दौर
अध्याय द्वितीय
छत्तीसगढ़ी की साहित्यिक पत्रकारिता का विकास- दैनिक एवं साप्ताहिक पत्रकारिता का योगदान <- येला क्लिक करके पढ़व
2.1 आरंभिक दौर
2.2 स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व का दौर
2.3 स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् का दौर
2.4 नई शताब्दी के आरंभ का दौर
अध्याय तृतीय
छत्तीसगढ़ी साहित्य और अन्तर्जाल पत्रकारिता <- येला क्लिक करके पढ़व
3.1 फेसबुक
3.2 पोर्टल
3.3 ब्लाग
अध्याय चतुर्थ
दैनिक देशबन्धु में प्रकाणित छत्तीसगढ़ी <- येला क्लिक करके पढ़व
साहित्य का परिचयात्मक अध्ययन
4.1 काव्य रचनाएँ — कविता, गीत, लोकगीत, गजल
4.2 कथा रचनाएँ – कहानी, लोककथा, लघुकथा
4.3 नाट्य रचनाएँ – नाटक, एकांकी
4.4 विविध गद्य – संस्मरण, वार्ता, समीक्षा
4.5 पुष्कल साहित्य- जनौला, हँसऊला कहावतें, मुहावरें
अध्याय पंचम
दैनिक देशबन्धु में प्रकाणित साहित्य का <- येला क्लिक करके पढ़व
विष्लेषणात्मक अध्ययन
5.1 समसामयिकता
5.3 प्रेम एवं श्रृंगार
5.4 मानवीय जिजीविषा एवं संघर्ष
5.5 प्रकृति-चेतना
5.6 राष्ट्रीय भावना
5.7 स्त्री जीवन का यथार्थ
5.8 दलित जीवन
5.9 श्रम चेतना
5.10 दार्शनिकता
5.11 धार्मिक चेतना
अध्याय षष्ठ उपसंहार <- येला क्लिक करके पढ़व
6.1 छत्तीसगढ़ी साहित्य के विकास में पत्र पत्रिकाओं का योगदान एवं देशबन्धु का प्रदेय।
संदर्भ ग्रंथ सूची <- येला क्लिक करके पढ़व
पत्र पत्रिकाएँ