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गोठ बात

लगिन फहराही त बिहाव माढ़ही

बर बिहाव के दिन म जम्मों मनखे इहिच गोठ म लगे रथे, अऊ ठेलहा मनखे हा तो ये मऊका म जम्मों झन के नत्ता जोरे बर अइसे लगे रथे जइसे ओखर नई रेहे ले दुनिया नई चलही, इंजीनियर, डागटर ल घलो ऊखर मन के गोठ सुने ल परथे। छोकरी-छोकरा मन के दाई-ददा ले ज्यादा ओखर […]

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गोठ बात

बेरा के गोठ : गरमी म अईसन खावव पीयव

जेवन ह हमर तन अऊ मन बर बहुतेच जरुरी हे।खानपियन ल सही राखबो त हमर जिनगी ह सुघ्घर रही।भगवान घलो हमर जनम के पहिली ले हमर खायपिये के बेवस्था कर देते।अभी गरमी के मऊसम चलत हे ऐ मऊसम म सबला खाय पीये के धियान रखना चाही।सबले जादा हमर काया ल गरमी म पानी के जरुरत […]

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गोठ बात

बुद्ध-पुन्नी

बईसाख के अंजोरी पाख के पुन्नी के दिन ल बुद्ध-पुन्नी काबर कहे जाथे ? त एखर उत्तर म ये समझ सकत हन के आज ले लगभग अढ़ई हजार बछर पहिली इही दिन भगवान बुद्ध ह ये धरती म जनम धरके अईस, अउ पैतीस बछर के उमर म इही दिन ओला पीपर रूख के नीचे म […]

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वीडियो

स्‍मृति शेष डॉ.विमल कुमार पाठक के श्रद्धांजली सभा, रामनगर मुक्तिधाम, सुपेला भिलाई के वीडियो

ये पाना ल देखते रहव संगी हम लउहे डॉ.जे.आर.सोनी जी अउ एक ठन अउ वीडियो अपलोड करबोन.

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जीवन परिचय

सुरता : डॉ. विमल कुमार पाठक

डॉ. विमल कुमार पाठक सिरिफ एक साहित्यकार नइ रहिन। उमन अपन जिंदगी म आकाशवाणी म उद्घोषक, मजदूर नेता, कॉलेज म प्रोफेसर, भिलाई स्टील प्लांट म कर्मचारी, पत्रकार अउ कला मर्मज्ञ संग बहुत अकन जवाबदारी निभाईन। आकाशवाणी रायपुर के शुरुआती दौर म उंखर पहिचान सुगंधी भैया के रूप म रहिस अउम केसरी प्रसाद बाजपेई उर्फ बरसाती […]

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कविता

मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे

मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग, करमा ददरिया सुआ पंथी संग म नाच लव गा लव ग। मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।। रसगुल्ला कस मोर छत्तीसगढी भाखा बने सुहाथे ग, छत्तीसगढी हाँसी ठिठोली मन ला सबके भाथे ग। अंग्रेजी के तुँहर घर अंगना म […]

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गोठ बात

हीरा मोती ठेलहा होगे

चंदू गजबेच खुस रहिस जब ओकर धंवरी गाय ह जांवर-जियर बछरु बियाईस।लाली अऊ सादा, दुनों बछवा पिला ल देख चंदू के मन हरियागे ।दुनों ल काबा भर पोटार के ऊंखर कान म नाव धरिस- हीरा अऊ मोती।ओकर गोसाईन समारीन ह पेऊंस बनाके अरोस-परोस म बाटीस ।चंदू के अब रोज के बुता राहय बिहनिया उठके गोबर […]

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गोठ बात

गरमीं के छुट्टी मा ममा गाँव

कलकूत गरमी मा इस्कूल मन के दु महीना के छुट्टी होगे हे। अब फेर इस्कूल खुलही असाढ मा। लइका मन मा टी.वी.,मोबाइल, कंप्यूटर, लेपटाप, विडियो गेम, देख-खेल के दिन ला पहाही अउ असकटाही घलाव। एकर ले बाँचे बर दाई-ददा मन हा गरमी के छुट्टी बिताय खातिर कोनो नवा-नवा जघा मा घुमे जाय के उदिम करहीं। […]

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कविता

का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे

का बतावव काला गोठीयावव, अंतस के पीरा ल कईसे बतावव I कोनों ककरो नई सुनय, मनखे के गोठ ल मनखे नई गुनय I का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे ? संसों लागथे मनखे होय के, कोन जनी कोन ह कतका बेर, काकर गोठ मा रिसा जही I अपनेच घर परवार ल आगी लगा डारही, […]

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कहानी

गाय निकलगे मोर घर ले

समारू आज गजबेच अनमनहा हे। 40 बच्छर ले जौन कोठा म पैरा, कांदी, भुसा, कोटना म पानी डारत रहिस ओ आज सुन्ना परगे। पांच बच्छर के रहिस तब ले अपन बबा के पाछू पाछू कोठा म गाय बछरु ल खाय पिये के जिनीस देय बर, गाय ,बछरु , बईला, भईसा ल छोरे बर सीख गे […]