Categories
Uncategorized

आडियो फाईल

Categories
कविता

गॉंव कहॉं सोरियावत हे : अंखमुंदा भागत हें

कहे भुलाइन कनिहा कोहनीघुठुवा मुरूवा* माड़ी !पिसनही जतवा* ढेंकी* अऊमूसर धूसर कॉंड़ी*!पर्रा* बिजना* टुकना टुकनीपैली* काठा खाँड़ी !सेर पसेरी नादी* ठेकवा*दीया चुकलिया* चाँड़ी !लीटर मीटर किलो म अबजिनिस ह जमो नपावत हे! बटलोही* बटुवा थरकुलिया*कोपरा कोपरी हंडा!किरगी-किरगा* पाला* पौली*अउ दरबा* सत खडा!बटकी मलिया* गहिरही* ओहाथी पाँव कटोरा!फूल कांस थारी म परसयजेवन बहू अंजोरा!अब फकत फाइबर […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : महंगा जमो बेचावत हें

रूपिया भर म कतेक बतावनका का जिनिस बिसावन!कॉंवर भर भर साग पानटुकना भर अन्न झोकावन!राहर दार लुचई के चाऊंरचार चार सेर लावन!अइसन सस्ता घी अउ दूध के पानी असन नहावन!अब सरहा पतरी के दाम हरूपिया ले अतकावत* हे! ‘‘पानी के बस मोल’’ के मतलबसस्ता निचट कहाथे!अब तो लीटर भर जल ह पनबीस रूपिया म आथे!थैला […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : तइहा के सब बइहा ले गय

तइहा तिरिथ बरथ खातिरघर ले कउनों जब जावंय!जमो कुटुम जुरियाये गांव के मेड़ो तक पहुंचावंय!गुनय बहुर के आ पाही के ओही कती खप जाही!तुलसा दही खवादंय मरके कहुं सरग मिल पाही!रेंगत आवंय जावंय सुन के अब अतंस करलावत हे! माड़ी भर धुर्राये धरसागदफद* चिखला मातय!चार महीना चौमासा लसजा बरोबर काटंय!पट पट ले अब सुखा चिमटीभर […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : मातर जागंय

बड़ा अटेलिहा* अहिरा छोकरादूध बिना नइ खावंय !घाट पाट बीहर जंगल मगाय अउ भैंस चरावंय !भड़वा मन म दूध चुरोवंयमरकन* दही जमावंय !भिनसरहा ले चलय मथानीठेकवन* लेवना पावंय !घी के बदला दूध ल अब तोखोवा बर खौलावत हें ! चरवाही संग गाय भैंस के रच्छा सुघर करे बर !किसान कन्हानई कुल के देवतापूजंय दुख हरे […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : नाचा-गमत

नाचा गमत रहस लीला तक धीरे धीरे नदाथें!सधे मजे कइ कलाकार ललोगन घलव भुलाथें!चैन चिकरहा तुला तबलहारघ्घु जइसन रागी!परी प्रेम जोधन कस जोकरमसलहा* बैरागी!गिरिवर के नाचब ल अभोगली-गली गोठियावत हें! पुतरी अउ ओ रहस लीला के दिन जानव दुरिहागंय!टी व्ही विडियो फिल्मी एलबमठौर म इंकर समागंय!ब्रहा,बिसनू,पारबती,शिव,संग राधा गिरधारी!बिसर के चारो धाम करावतहें सिरियल म चारी*!भेख […]

Categories
Uncategorized

भिनसारे ले हर-बोलवा मनरूख ले अलख जगावंय!झुनकी घुंघरू संग मजीराधरे खंजरी गावंय!भाग देख दरवजा आइनहर गंगा दुहरावंय!सबके मंगल अपन संग ममालिक ले गोहरावंय!अब अपन हित खातिर पर के गर म छुरी चलावत हें! बेंदरा भलुवा धरे मदारीजब गलियन म घूमय !डमरू के डम डम ल सुनके लइका पिचका झूमय!डांग* चढ़ंय डंग-चगहा* कइ ठनहुनर अपन देखावंय!गुप्ती […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियाव हे : बिन पानी

रतनपुर जइसन कइ गढ़ के छै छै कोरी तरिया।बिना मरमत खंती माटीपरे निचट हें परियाबरहों महीना बिलमय पानीसोच उदिम करवइया!जोगी डबरा टारबांधस्टापडेम बनवइया!मिनरल वाटर अउ कोल्डड्रिंक फेंटा पीके गोरियावत हें! पुरखौती कुवाँ बवली के पानी धलव अटाथे!नदिया खँड गहिरा झिरिया मरेती सिरिफ तकाथे* !भाजी भांटा कोंचइ कॉंदाबिन पानी का जगरंय !हरियर चारा दुबी झुरागंयगाय गरू […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : दुबराज चांउर के महमहाब

बेरा कुबेरा नगरिहा अउगड़हा गाड़ी जोतंय!मसमोटी* म हांक त बैलागजब ददरिया सोंटय!पारय टेही संगवारी हअउ जुवाब म गावय!हिरदे के जमो जियान लचतुरा जनव घटावय!खेतखार का डगर डगर अबट्रक ट्रेक्टवर टर्रावत हें! मिसे कूटे धान पान अउओन्हा री संझके रहा!दौंरी बेलन दूरिहागंयआ गय ट्रेक्टंर टेर टेरहा!मुठिया* डाँड़ी धुरखिल्ली*सुमेला* सूपा कलारी* !बावन बख्खेर कुड़ी* कोपर*दतरी* नागर जुवाँरी!नहना* […]

Categories
कविता

मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चाल चरित म कढ़े रहंय

होये बर होथे गाँव गाँवकी रतन अउ नवाधा रमायन!सतसंग भागवत कथा घलवपन बाहिर कुकुर कटायेन*!बात बात म ओरझत फिरथेंबिरथा रार बढ़ाथें!छिन भर म जुग भर के जोरेनता ल होम चढ़ाथें !नेम धेम मनवइया ओकर लेदिन दिन दुरिहावत हें! भले रहंय अड़हा तइहा पनकइ ठन गुन ल पढ़े रहंय!कदर करंय जइसन के तइसनचाल चरित म कढ़े […]