हमर देस मा तिहार मनाये के गजब सऊँख। सब्बो किसिम के तिहार ला हमन जुरमिलके मनाथन। तमाम जातपात, धरम-सम्प्रदाय के तिहार मन ला एकजुट होके मनाये के कारन सांप्रदायिक सदभाव अउ एकता के नाम मा हमर दुनिया में अलगेच पहिचान हे। तिहार मनाये बिना हमर बासी-भात तको हजम नई होवय। तिहार मनाये के सऊँख मा […]
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आई लव यू………आई लव यू….तयं बोल रे मिट्ठू , आई लव यू….तपत कुरु के गये जमानाबोल रे मिट्ठू – आई लव यू….. राम-राम के बेरा -मा, भेंट होही तो गुड मार्निंग कहिबेए जी,ओ जी झन कहिबे,कहिबे तो हाय डार्लिंग कहिबेसबो पढ़त हे इंग्लिश मीडियमतयं काबर रहिबे पाछू …..आई लव यू………आई लव यू….तयं बोल रे मिट्ठू […]
नवरात्र के शुरूवात घट इसथापना ले होथे घट म पानी भर के आमा पत्ता ले सजा के ऊपर म अनाज रखे जाथे। प्रकृति ले जुरे तिहार प्रकृति के पूजा करथे। पानी घट म रखना ‘जल ह जीवन आय’ के बोध कराथे। जेन कलस के हम पूजा करथन तेन म जल हावय। आज ये जल के […]
कइसने नरी – ला टेड़वायगजब पाँखी फड़फड़ाययेती कुकरी कोरकोरायवोती कुकरा नरियायकूद- फांद के चढ़े खपरा- छानीएला हकालौ हो ननदी- देवरानी . कोड़ा देवय ,नइ मानयगजब कचरा बगरायकहूँ गेंगरवा सपरायएके सांहस – मा खायदिन- भर किन्जरे बर जायसँझा कुरिया- मा ओयलायकोन्हों करे नइ इंकरे निगरानीएला हकालौ हो ननदी – देवरानी . रुखराई – मा चढ़ जायकुकरुस […]
तपत कुरु भइ तपत कुरु
तपत कुरु भइ तपत कुरु बोल रे मिट्ठु तपत कुरु बडे बिहनिया तपत कुरु सरी मँझनिया तपत कुरु फ़ुले-फ़ुले चना सिरागे बाँचे हावय ढुरु-ढुरु ॥ चुरी बाजय खनन-खनन झुमका बाजय झनन-झनन गजब कमैलिन छोटे पटेलीन भाजी टोरय सनन-सनन केंवची-केंवची पाँव मा टोंडा पहिरे हावय गरु-गरु ॥ बरदि रेंगीस खार मा महानदी के पार म चारा […]
परंपरागत रूप म बरसों ले चलत रावत बाजार ल व्यवस्थित करे म डॉ. कालीचरण यादव के योगदान ल सब्बो मानथे। सहर के रावत बाजार पूरा देस म अपन अलग पहिचान रखथे। ‘मड़ई’ आज रावत बाजार ले ऊपर सामाजिक गर्व के विसय हो गे हवै। डा. यादव तिर अनुपम सिंह के गोठ. भास्कर : मड़ई के […]
लाला जगदलपुरी के कबिता
जब ले तैं सपना से आये मोला कुछु सुहावत नइये संगी तैं ह अतेक सुहाये पुन्नी चंदा ल देखेंव तोरे मुह अस गोल गढन हे अंधियारी म तारा देखेंव माला के मोती अस तन हे तोर सुगंध रातरानी हर भेजत रहिथे संग पवन के नींद भरे रहिथे आंखीं में दुख बिसराथंव जनम मरन के । […]
आवा बचावव लोक कला ल : डॉ. सोमनाथ यादव
बिलासा कला मंच के संस्थापक अउ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सोमनाथ यादव कला अउ कलाकार मन ल बढ़ावा देहे बर जाने जाथे। मंच ह कला के संरक्छन के दिसा मं काम करे के संग अइसे रचनाकार मन के किताब ल छापे हवै, जउन ल कोनो नई जानयं। उनखर काम ल देख के शासन हं […]
काम दहन के आय परब- होली
छत्तीसगढ़ आदिकाल ले बूढ़ादेव के रूप म भगवान शिव अउ वोकर परिवार ले जुड़े संस्कृति ल जीथे, एकरे सेती इहां के जतका मूल परब अउ तिहार हे सबो ह सिव या सिव परिवार ले जुड़े हावय। उही किसम होली जेला इहां के भाखा म होली कहे जाते। इहू हर भगवान भोलेनाथ द्वारा कामदेव ल भसम […]
होले तिहार
होले तिहार बड़ निक लागेसबके मन -मा उमंग जागे.समधिन मारे पिचकारी,समधी ला बड़ सुख-सुख लागे. आमा मऊँरिन,परसा मन, पहिरिन केसरिया हारजाड़-घाम दुन्नो चल देइन अपन-अपन ससुरार.का बस्ती, का वन-उपवन, कण -कण मा खुशिहाली छागे. नंदू नंगत नगाड़ा पीटय, फगुवा गावै फागधन्नू ढोल, मंजीरा मन्नू, झंगलू झोंके राग.सररर सराईस सरवन हर, सब्बो डौकी शरमागे. मंगलू घर […]