जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच डारिस पराकृतिक ह बने हवय, अनप घर मा एक ठक बोरड ला बनवा के लगा दिस, पटवारी के परकिरित चिकित्सा सनसथान, इंहा बिना दवई,सूजी,गोली के फोकट मा जम्मो बीमारी के इलाज होथे, समाज सेवा […]
Author: admin
संगी हो जोहार लओ हमर पटवारी भईया हा जम्मो जमाना ला सुधारे के ठेका ले डारे हवय अपन परन के एकदम पक्का हवय,”परान जाये पर बचन न जाये तईसे,एही सुधारे के बुता मा कईयों बेर मार खा डारे हवे पर सुधरे नहीं,एक घांव हमर गांव मा राजीव दीक्षित आये रिहिसे,स्वदेशी आन्दोलन चलावे, तौन हा बता डारिस […]
संगी हो जोहार लओ हमर पटवारी भईया हा जम्मो जमाना ला सुधारे के ठेका ले डारे हवय अपन परन के एकदम पक्का हवय,”परान जाये पर बचन न जाये तईसे,एही सुधारे के बुता मा कईयों बेर मार खा डारे हवे पर सुधरे नहीं,एक घांव हमर गांव मा राजीव दीक्षित आये रिहिसे,स्वदेशी आन्दोलन चलावे, तौन हा बता डारिस […]
संगी हो जोहर लओ काली के गोठ ला आगे बढ़ावत हौं संगी हो, हमर पटवारी भैया के किस्सा नई सिराय हवे, एखर तो एक ले एक किसा हवे, पटवारी ला पढ़े के बहुत सौउंख हवय, सबे तरह के पुस्तक ला पढ़थे, पुस्तक पढ़ना घलो एक ठक बीमारीच आये, घर ले पटवारीन हाँ बाजार भेजते साग […]
संगी हो जोहार लओ देखथवं मेहा आज कल समाज सेवा बड चालू होगे हवय, जहाँ देखबे उहां समाज सेवा,ये दे समाज सेवा हा एक ठक बहुत बड़े बीमारी हवय,छुतहा रोग हे,कई झन बड सौख ले करथे कई झन अपन जी पिरान ला बचाए बर करथे,हमर एक झन मयारू मितान हवय,हमन ओला पटवारी भइया कहिके बलाथन, […]
संगी हो जय जोहार, में हाँ दू चार दिन पहिले ये बुलाग के सेवा ले हवं. एखर ले पहिले में हाँ नई जानत रहेवं काला बलाग कथे, जानेवं ता महूँ हाँ अपन गोठियाये के खजरी ला मेटाए बर ये दे बूता ला कर डारेवं, मोर डिमाग ले बुलाग के बूता हाँ बुलाग कम, बुलक दे […]
कइसे होही छत्तीसगढ़िहा सबले बढ़िहा?
”सतरूहन या सतरोहन नाव त इसकूल म गुरुजी ह सुधार के शत्रुघन या शत्रुहन लिख देथे। अउ एक ठन छत्तीसगढ़ी नाव के राम नाम सत्त कर देथे। आज तक कोनो अइसना नाव लिखइया मनखे छत्तीसगढ़ म नई हे। भावना के छोड़ कोनो दूसर बात नो हे।” छत्तीसगढिहा ल भाखा के रूप म […]
उठ जा बाबु आंखी खोल
उठ जा बाबु आंखी खोल होगे बिहनिया हल्ला बोल सूत उठ के बासी खा थारी धर के इस्कूल जा इस्कूल जा के पट्टी फॉर अऊ पेन्सिल ला कस के घोर मास्टर ला तैं गारी देबेचाक चोराके खीसा भरबेसरकारी पुस्तक ला तैं चीरबांटी खेलबे बनबे बीरपढ़े के बेर पेट पिराहीदांतों पिराही,मुडो पिराहीभात खा के दुक्की भागमनटोरा […]
जय ३६ गढ़ महतारी
जय जय ३६ गढ़ महतारीरिता होगे धान कटोराजुच्छा पर गे थारीफिरतु हाँ फिलिप होगेहवय बड़ लाचारीओकर घर चुरत हे बरा,सोहारीमोर घर माँ जुच्छा थारीजय जय ३६ गढ़ महतारी खेत खार बेचे के फैले हे महामारीलुट-लुट के नगरा कर दिसनेता अऊ बेपारीगंवईहा मेट हे दारू माबेचावत हे लोटा थारीजय जय ३६ गढ़ महतारीरिता होगे धान कटोराजुच्छा […]
कुरसी नी पुरत हे
का जमाना आगे हे भगवान, तुही मन बताव काय करना चाही। जमाना कतका आघु बढ़त हे। तेनहा काकरो ले लुकाय नई हे। कुछु समझ नी आय काय करना चाही। आज के बेरा मा खुरसी के मरमे ला देखलव। पहिली जमाना मा सुघ्घर घर लीप के पहुना ला भुंईंया मा बईठारयं। घर के मनखे संग बईठके […]