बद्री विशाल यदु ‘परमानंद’

प्रकृत कवि

प्राण सिंगार सन्‍दर्भ अउ भक्‍ति के प्रकृत कवि बद्री बिसाल परमानंद के रचना मन उंकर जीते जियत लोकगीत के परसिद्ध‍ि पा गइन। उंकर जनम ग्राम छतौना (मंदिर हसौद) म तीन जुलाई 1917 म अउ इंतकाल 11 मई 1993 म रायपुर म होय रहिस। उन सैकडो़ं भजन के रचना करे रह‍ीन जेमन 80 ठन मंडली मं प्रचलित रहिन परमानंद के नाव ले। छत्‍तीसगढ़ साहित्‍य समिति के अध्‍यक्ष सुसील यदु के संपादन में उंकर पहिली संकलन पिंवरी लिखे तोर भाग परकासित होय रहिस जेहर आज भी चर्चा के बिसय हे। छत्‍तीसगढी़ भासा साहित्‍य बर येहर बड़ संजोग के बात आय के ओला वोकर दूसर चरन म बद्री बिसाल परमानंद जइसे रससिद्ध लोककवि मिलिस जेमा ईसुरी के फाग जइसन रंजकता तो हे फेर भदेस पन नइये जेमा रीतिकालीन सिंगार तो हे फेर रीति के आग्रह नइये फूहड़ता नइये। उंकर गीतमन छत्‍तीसगढी़ काव्‍य के अमूल्‍य धरोहर आय।