बखरी के तुमा नार बरोबर मन झूमरेे,
डोंगरी के पाके चार ले जा लान दे बे ।
मया के बोली भरोसा भारी रे
कहूँ दगा देबे राजा लगा लेहूँ फाँसी ।
बखरी के तुमा नार …
हम तैं आगू जमाना पाछू रे
कोनो पावे नहीं बांध ले मया म काहू रे ।
डोंगरी के पाके चार …
तोर मोर जोडी गढ लागे भगवान,
गोरी बइंहा म गोदना गोदाहूँ तेरा नाम ।
बखरी के तुमा नार …
मऊहा के झरती कोवा के फरती …
फागुन लगती राजा आ जाबे जल्दी ।
बखरी के तुमा नार …
लक्ष्मण मस्तुरिहा, रायपुर