Baldau Ram Sahu
- गुरू जी अउ नाँग देवता के पीरा
- भाईचारा अउ शांति के संदेश देथे ईद-उल-फितर
- नवगीत : गाँव हवे
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल : मितानी
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल : सत्ता धारी
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल : कइसे मा दिन बढ़िया आही
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- नवगीत छत्तीसगढ़ी
- छत्तीसगढ़ म जनचेतना के उन्नायक संत गुरु घासीदास
- छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- छत्तीसगढ़ी नवगीत : पछतावत हन
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- बिन बरसे झन जाबे बादर
- छत्तीसगढ़ी भाषा परिवार की लोक कथाऍं
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- हमला तो गुदगुदावत हे, पर के चुगली - चारी हर : छत्तीसगढ़ी गज़ल
- बलदाऊ राम साहू के छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- बसंत उपर एक छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- ग़ज़ल छत्तीसगढ़ी
- छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- बलदाऊ राम साहू के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- गजल
- ग़ज़ल : उत्तर माढ़े हे सवाल के
- गजल
- छत्तीसगढ़ी नवगीत
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- ग़ज़ल
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- ग़ज़ल
- नवगीत : अगर न होतेन हम
- ग़ज़ल : गुलेल
- ग़ज़ल : गीत ग़ज़ल ल गावत हावस
- बलदाऊ राम साहू के गज़ल
- सुरूज नवा उगइया हे : छत्तीसगढ़ी गज़ल संग्रह
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- अपन-अपन भेद कहौ, भैरा मन के कान मा
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- दिखय नही ओर-छोर, त का करन
- नेता मन नफरत के बिख फइलावत हे
- बीड़ी ला सिपचा ले भइया
- लोककथा के शिक्षक- संत गुरु घासीदास अउ उंकर उपदेस
- छत्तीसगढ़ी भाषा म बाल-साहित्य लेखन के संभावना अउ संदर्भ
- भगवान मोला गरीब बना दे
- छत्तीसगढ़ के बिहाव संस्कार-सर्व सामाजिक दायित्व बोध
- महतारी के मया