बेटी बचावा
कइथे बेटी हाथ पसार
मोला देवा मया दुलार।
बेटी मन ला काबर
मया नई करय हमर संसार।
सोचा जम्मो झन बेटी बिना
बन सकही का घर परिवार।
नानकुन ले लेके जवानी तक
मोर ऊपर लटकत हावय तलवार।
मोर पिडा अउ वेदना के का
अब होही कोनो स्थाई उपचार।
बाढ़त पानी मा मैं बोजा गेंव
कोन कराही नदिया के पार।
मैं बेटी महतारी मैं हंव
महि काली दुर्गा अवतार।
मोर मया मा जम्मो पोठागे
मोर बिना धरती अंधियार।
मोर पिडा अउ वेदना के का
अब होही कोनो स्थाई उपचार।
जाड के बेरा
आ गे हे जाड के बेरा
झन खावव तुमन केरा
बिहनिया अड़बड़ जड़ावत हे
डोकरा बबा बीड़ी सुलगावत हे
आ गे हे जाड के बेरा
झन खावव तुमन केरा।
दई पनपुरवा बनावत हे
ददा कुरता घाम म सुखावत हे
भौजी लईका खेलावत हे
भइया जम्मो ला गुर्रावत हे
आ गे हे जाड के बेरा
जहां खावव तुमन केरा।
हवा सुरूर सुरूर बोहावत हे
चिरई चिरगुन गीत गुनगुनावत हे
जाड मा डोकरा कपकपावत हे
डोकरी सरसों तेल ला कड़कावत हे
झन उठावव तुमन अपन डेरा
आ गे हे जाड के बेरा।
पानी अड़बड़ जनावत हे
ददा नोहाय बलावत हे
दई पानी ला खउलावत हे
गरूवा बइठे पगुरावत हे
रउत ला भाइसी लतीयावत हे
आ गे हे जाड के बेरा।
– कोमल यादव
खरसिया, रायगढ़
yadavkomal291@gmail.com
बहुत अच्छा लिखे हावा सर मोला बहुत पसंद आईस इसनहे अउ कोनो रचना ला लिखा
जय जोहर
धन्यवाद आपमन के अइसने अड़बड़ कन कविता हे आपमन बर बढ़िया कविता ला भेजबो
मोला बढ़िया लागिस ज़ी तुंहर कविता अइसन अउ कविता लिखा ।जय जोहर।
मोला बढ़िया लागिस ज़ी तुंहर कविता अइसन अउ कविता लिखा ।जय जोहर।
हव लिखबो जी ।जय जोहार।
सही में बड़ जाड़ हे गा
बहुत बढ़िया कविता हे
अइसने अउ लिखा जी
अड़बड़ जाड़ हे जी नवा साल आ थे ओखरो बर कविता बनावा
बेटी मन बर अउ जाड़ बर बढ़िया लिखे हव जय जोहार