प्रगतिसील वचिारधारा के परमुख कवि
भगवती लाल सेन के जनम 23 मई 1930 के धमतरी के देमारगांव म होय रहिस। गरीब मजदूर किसान के सोसन के खिलाफ कलम चलाने वाला ए सिपाही हर नेक दिल इन्सान अउ जूझारू कवि रहिस। सुसील यदु उकर बड़ सटीक टिप्पणी करें हे भगवती सेन छत्तीसगढ़ के अइसन कवि रहिन जउन हर छत्तीसगढी़ कविता परंपरा ल प्रगतिसील मोड़ देइस। छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर बनिहार खातिर जूझे क आदत ये सब आपके कविता के विसय रहिस।
1.सुबह (हिन्दी) 2.नदिया मरे पियास 3.देख रे आंखी सुन रे कान उंकर प्रकासित कृति आम। उंकर इंतकाल 8 अगस्त 1981 म होइस….