बोधन राम निषाद राज के ददरिया

आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी सुरतिया,
आँखी म झुले…..
आँखी म झुले गा,तोर झुल झुल के रेंगना,
आँखी म झुले….

उगती ले सुरुज उगे,बुड़ती म डेरा।
तोर मोर भेंट होगे,संझा के बेरा।।
आँखी म झुले…..
आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी सुरतिया,
आँखी म झुले….

मया के बंसरी ल,बजाये तैंहा गा।
मन मोहना काबर मोला,नचाये तैंहा गा।।
आँखी म झुले…..
आँखी म झुले गा,तोर झुल झुल के रेंगना,
आँखी म झुले…..

मारे लबेदा ,आमा के डारा ओ।
तहुँ बइठे ल आबे,हमर पारा ओ।।
आँखी म झुले…..
आँखी म झुले ओ,तोर मोहनी सुरतिया,
आँखी म झुले……

कारी कारी बदरा बने,पानी बरसे गा।
पानी बिन मछरी कस,जिवरा तरसे गा।।
आँखी म झुले…..
आँखी म झुले गा,तोर झुल झुल के रेंगना,
आँखी म झुले……

बोधन राम निषाद राज
स./लोहारा ,कबीरधाम (छ.ग.)
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