सांपसांप! तोला सऊर अभी ले नई आईससहर म बसे के तौर नई आईसपूछत हंव एक ठन बात-जवाब देबे?त कइसे सीखे… Read More
कालिदास कृत ऋतुसंहारम् के छत्तीसगढ़ी अनुवाद-अओ मयारुककांसी फूल केओन्हा पहिरे,फूले कमल कसहाँसत सुघ्घर मुंहरनमदमातेहंसा के बोली असछमकत पैजनियां वालीपाके धान के… Read More
(मोरेश्वर तपस्वी ''अथक'' द्वारा लिखित ''बारह आने'' का अनुदित अंश)वो ह मोर हाथ ल धरलिस अउ एक ठन छोटकन पुड़िया… Read More
एक ठिक मिट्ठू राहय। पटभोकवा, गावय मं बने राहय। फेर बेद नई पढ़य। डांहकय, कूदय, उड़ियाय, फेर कायदा-कानहून का होथे,… Read More