अइसन कुछु संगी रे, जतन हम करन।हरियर-हरियर परियावरन हम करन॥बजबजावत परदूषन ले जिनगी के रद्दा,दूरिहा जिनगानी ले, घुटन हमन करन।डार… Read More
माटी के दियना, करथे अंजोर।मया बांध रे, पिरितिया डोर॥जगमग-जगमग लागे देवारी, लीपे-पोते घर, अंगना, दुवारीखलखला के हांसे रे, सोनहा धान… Read More
धर ले रे कुदारी गा किसानआज डिपरा ला रखन के डबरा पाट देबो रे ।ऊंच-नीच के भेद ला मिटाएच्च बर… Read More
नवा साल आगे रे, अपन जिनगी ल गढ़।मुड़ के पाछू मत देख, आघू-आघू बढ़॥पहागे रात करिया,आगे सोनहा फजर।सुरूज उत्ती म… Read More
सनीमा वालाबरसात मा'आग ही आग' लगाथेजड़कला मा'हिमालय के गोद मा बिठाथेगर्मी मा''बिन बादल बरसात' ल कराथेटोकबे त कहिथेऐमा तोर ददा… Read More
पुरवाही चलय सुरूर-सुरूर।रूख के पाना डोलय फुरूर-फुरूर॥हाथ गोड़ चंगुरगे, कांपत हे जमो परानी।ठिठुरगे बदन, चाम हाड़।वाह रे! पूस के जाड़॥गोरसी… Read More
घर कुरिया, चारों मुड़ा होही अंजोर फुलवारी कस दिखही महाटी अऊ खोर जुर मिलके पिरित के रंग सजाबो रे आगे… Read More