कविता

कबिता : कइसे रोकंव बैरी मन ल

पांखी लगाके उड़ा जाथे जी, कइसे रोकंव बैरी मन ला।छरिया जाथे मोर मति जी, घुनहा कर दीस ये तन ला।उत्ती-बूड़ती,… Read More

14 years ago

कबिता : चोरी ऊपर ले सीना जोरी

मध्यान्ह भोजन के टेम रीहिसखाना पकईया ह मोलासरकारी परसाद ल दे के कहिसथोर कीन चीख तो गुरूजीचीखत-चीखत मे हअतका खा… Read More

14 years ago

कबिता : ये देस कइसे-कइसे होवत हे

ये देस म कइसे-कइसे होवत हे।जिहां बोहावय मया-पिरीत के गंगा, लहरावय जिहां लहर-लहर तिरंगातिहां मनखे-मनखे मन के हिरदे रोवत हे॥अती… Read More

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कबिता : सिध्दिविनायक मुसवा म काबर चढ़थे

सिध्दिविनायक मुसुवा म काबर चढ़थे?मुसुवा निकल सकथे बघवा के पिंजरा ले,मुसुवा निकाल घलो सकथे बघवा ल पिंजरा लेमुसुवा ह पाथे… Read More

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कबिता : नवा तरक्की कब आवे हमर दुवारी

अरे गरीब के घपटे अंधियारगांव ले कब तक जाबे,जम्मो सुख ला चगल-चगल केरूपिया तैं कब तक पगुराबे?हमर जवानी के ताकत… Read More

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कबिता : बेटी मन अगुवागे

जमाना बदलगे झन करौ संगीबेटा-बेटी म भेद,बेटी मन अगुवागे चारों खुंटबेटा के रद्दा ल छेंक।पढ़ई-लिखई म अव्वल आथे,बेटा- मस्ती म… Read More

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सुरता अइस

सावन के महिना ह गन-गन-गन अइसअंधियारी पाख के निकलतउगोना ह सट ले निकलतउगोना ह सट ले अइसपरोसिन नोनी हरमोला भइया… Read More

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तीजा जावत

तीजा जावत अपन बाई ल देख के मोला मनेमन अड़बड़ हाँसी लागेईमान से महापरसाद आज मोला अड़बड़ अलकरहा लागेसुत उठ… Read More

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तीजा लेहे बर आहूं

बड़ मयारू हच मोर बहिनीतोला तीजा लेहे बर आहू आं,सावन म तोर घर म जाकेराखी मैं बंधवाहूं ओभादो म तिहारिन… Read More

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राज्योत्सव मेला

अँधा लंगड़ा बड़े मितानी सुने हो हौ तुम कहानी कहूँ जनम के दुनो संगवारी हो है लाग मानीभीख मांग के… Read More

14 years ago