कविता

नरेन्‍द्र वर्मा के हाईकू

टूटगे आजमरजादा के डोरीलाज के होरी ।पईसा सारनता-गोता ह घलोहोगे बेपार ।मन म मयासिरावत हे, पैसाहमावत हे ।बढती देखऑंखी पँडरियागेमया… Read More

15 years ago

नेता पुरान

कोकडा कस देह उज्‍जर, करिया हे मन ।आनी बानी के बाना, धरय छन-छन ।।घेरी बेरी बदलय, टेटका कस रंग ।कोनो… Read More

16 years ago

हाईकू

मया के डारौथरहा, होही मानभरपूरहा ।मया हावयउपरछवा, मनकरिया तवा ।उँच नीच केडबरा सब पाटौमया ला बॉंटौ ।कोलिहा तकोलहुट जाथे शेरबेरा… Read More

16 years ago

अपन हाथ अउ जगन्नाथ

मुंड़ मे छैइहा तन भर बस्तर भूखन करंय बियारी उजियारी के समुन्हें भागे घपटे सब अंधियारी सबके होवय देवारी अइसन… Read More

16 years ago

गोठ गुने के गोठियांथव

गोठ गुने के गोठियांथव थोरुक सुन लव संगवारी न कउनो निंदा फजीहत न कउनो के चारी निरबंसी के धन मत… Read More

16 years ago

इही त आये गा छ्त्तीसगढ सरकार

लबरा होगे राजा अ‍उ खबडा होगे हे मंत्रीददा मन ले बाच पायेन त टीप देथे संतरीपांव के पथरा ल आ… Read More

16 years ago

बारहमासी तिहार

आज मोर अंगना म छागे उजियारी चमकत जगमगावत आगे देवारी।चैत मानेन रामनवमी, बैसाख अक्ती ल। पुतरा-पुतरी बिहा करेन, चढ़ायेन तेल… Read More

16 years ago

बरसै अंगरा जरै भोंभरा

चढ़के सरग निसेनी सुरूज के मति छरियागे हाय रे रद्दा रेंगोइया के पांव घलो ललियागे।बढ़े हावे मंझनिया संकलाए हे गरूआ… Read More

16 years ago

जरत रइथौं (गजल)

रइहीं तरिया म मनखे, पानी आबे,अमुआ डारी म बइठे जोहत रइहौं।घर म सुरता भुलाये, बइठे रहिबे,कोला बारी म मैंहा, ताकत… Read More

16 years ago

गंवइहा

मैं रइथौं गंवई गांव मं मोर नाव हे गंवइहा, बासी बोरे नून चटनी पसिया के पियइया।जोरे बइला हाथ तुतारी खांध… Read More

16 years ago