कविता

छत्‍तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव

बासी खाना छूटगे, आदत परगे, चायपेट भरे ना पुरखातरे, ये कईसन बकवायये कईसन बकवाय, सबो दुख-सुख मा लागूदेंवता अतरे फूल,… Read More

16 years ago

छत्‍तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव

बासी खाना छूटगे, आदत परगे, चायपेट भरे ना पुरखातरे, ये कईसन बकवायये कईसन बकवाय, सबो दुख-सुख मा लागूदेंवता अतरे फूल,… Read More

16 years ago

सोसन अउ कानून (कबिता ) : सुशील भोले

बछरू हा एक दिन गाय जघा पूछिसदाई सोसन काला कहिथे !तब गाय कहिस - बेटा तैंहा जुच्‍छा पैरा ला,पगुरावत रहिथसअउ… Read More

16 years ago

भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्‍द्र सोनी

बुधारूकठल कठल के रोथेमनटोरा ओखरचूमा लेथेचूमा ह रोटी नोहेमनटोरा हा सोंचथेमयबुधारू खातिररोटी बन जातेंव ।डॉ.राजेन्‍द्र सोनीचित्र http://feedingavillage.org से साभार Read More

16 years ago

भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्‍द्र सोनी

बुधारूकठल कठल के रोथेमनटोरा ओखरचूमा लेथेचूमा ह रोटी नोहेमनटोरा हा सोंचथेमयबुधारू खातिररोटी बन जातेंव ।डॉ.राजेन्‍द्र सोनीचित्र http://feedingavillage.org से साभार Read More

16 years ago