मोर भाखा सँग दया मया के सुग्घर हवै मिलाप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। येमा छइहाँ बम्हलई देबी, बानबरद गोर्रइयाँ के देंवता धामी राजिउलोचन सोमनाथ जस भुँइया के ये मां हावे भोरमदेव जस, तीरथ के परताप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। दमऊ खँजेरी […]
Category: कविता
तैं ह आ जाबे मैना
तैं ह आ जाबे मैना उड़त उड़त तैंह आ जाबे । मैंह कइसे आवौं ना, मैंह कइसे आवौना, बिन पाँरवी मोर सुवना कइसे आवौं ना मन के मया संगी तोला का बताववं ना तैंह आ जाबे मैना, उड़त उड़त तैह आ जाबे …. पुन्नी के रात मैना चंदा के अँजोर जुगुर–जागर चमकत हे गाँव के […]
हाट बजार अउ मेला मडई मा, नोनी थोरको नइ पदोय खई-खजानी अउ फुग्गा ले बर, फकत कहिथय ददा गा नानूक ठेकली लेबो पइसा सकेले बर ! !! !!! राजा राम रसिक रसिक वाटिका, फेस 3, वी.आई.पी.नगर, रिसाली, भिलाई. मो. 09329364014
धर ले रे कुदारी गा किसान आज डिपरा ला रखन के डबरा पाट देबो रे । ऊंच–नीच के भेद ला मिटाएच्च बर परही चलौ चली बड़े बड़े ओदराबोन खरही झुरमिल गरीबहा मन, संगे मां हो के मगन करपा के भारा–भारा बाँट लेबो रे । चल गा पंड़ित, चल गा साहू, चल गा दिल्लीवार चल गा […]
परसा फूल लगा देथे गा आगी लईका बागी । भाई-भाई के लईका, आन बर होथे मडई । स्टोव ह तभे फटथे, जब वोला बहू धरथे । गद्दा ह आगे कथरी नँदागे पीठ पीरागे । चँदा म जाके झन इतरा, तोर हाल ल बता । एती गोदाम भरे, वोती हँडिया उपास परे । भूख लागथे सब […]
सरग ह जेखर एड़ी के धोवन, जग-जाहरा जेखर सोर। अइसन धरती हवय मोर, अइसन भुईयां हवय मोर॥ कौसिल्या जिहां के बेटी, कौसल छत्तीसगढ़ कहाइस, सऊंहे राम आके इहां, सबरी के जूठा बोइर खाइस। मोरध्वज दानी ह अपन, बेटा के गर म आरा चलाइस, बाल्मिकी के आसरम म, लवकुस मन ह शिक्षा पाइन। चारों मुड़ा बगरे […]
चंदन हे मोर देस के माटी, पावन मोर गांव हे ।बाजय जिंहा धरम के घंटी, तेखर छत्तीसगढ नाव हे ।। होत बिहिनिया खेत जाये, नागर घर के नगरिहा ।भूमर-भूमर बनिहारिन गावैं, करमा सुआ ददरिया ।परत जिंहा हे सुरूज देव के, चकमिक पहिली पांव हे ।। राम असन मर्यादा वाले, कृष्णा करम कबीर हे ।गांधी सुभास […]
धन धन रे मोर किसान, धन धन रे मोर किसान ।मैं तो तोला जांनेव तैं अस, भुंइया के भगवान ।। तीन हाथ के पटकू पहिरे, मूड म बांधे फरियाठंड गरम चउमास कटिस तोर, काया परगे करियाअन्न कमाये बर नई चीन्हस, मंझन, सांझ, बिहान । तरिया तिर तोर गांव बसे हे, बुडती बाजू बंजरचारो खूंट मां […]
कुकुर कोरा म घूमत हे, टूरा ह रोवत हे । किरकेट के चढे हसवै बुखार ददा बेहाल । दोरदीर ले भेंड कस झपाथे बफे म खाथे । ‘कालोनी’ रोग गॉंव म हबरागे जी दरर गे । माई-मूडी ह बनगे कहूं आन मरे बिहान । मनगरजी, सियानी, नई बॉंचै खपरा छान्ही । गोटियाय ल जेन हर […]
नरेन्द्र वर्मा के हाईकू
टूटगे आजमरजादा के डोरीलाज के होरी । पईसा सारनता-गोता ह घलोहोगे बेपार । मन म मयासिरावत हे, पैसाहमावत हे । बढती देखऑंखी पँडरियागेमया उडा गे । करथे तेनमरथे, कोढियेचमन फरथे । पैसा के खेलईमानदार मनपेल-ढपेल । परबुधियाबनके झन ठगाठेंगवा चटा । परगे पेटम फोरा, मुसुवा हनिकालै कोरा । पेट के सेतीशहर जाथे, उहेंपेट कटाथे । […]