भूमिका भोलापुर के कहानी : उपन्यास के सुवाद वाला कहानी संग्रह डॉ. जीवन यदु चाहे संस्कृत भासा होय के चाहे… Read More
पऊर साल मैं ह बालोद गे रहेंव। बालोद गेस त गंगा मइया के दरसन करना तो जरूरी हे। मैं ह… Read More
एक झन जोगी बाबा ह घुमत फिरत एक शहर में पहुंचगे। रात होगे रहय अऊ जलकला के दिन रहय शहर… Read More
एक गांव म एक झन मरार डोकरा अउ मरारिन डोकरी रिहिस। दूनों झन बखरी म साग-भाजी बोय अउ बेंचे। मरार… Read More
एक गांव म एक साहूकार रहय। साहूकार के सोला साल के सज्ञान बेटी रहय। साहूकार के पूरा परिवार धार्मिक रहय।… Read More
गांव म पहली पानी बिना अकाल परय। जेमा आदमी मन भूख के मारे मरयं। बिना भात-बासी के शरीर एकदम कमजोर… Read More
एक बार वर्मा जी के घर गे रेहेंव। वर्मा जी ह अपन सबो लइका मन बर एके रंग के कुरता… Read More
केंवटिन धमतरी राजिम के गाड़ी तीर धमतरी टेसन म चना मुर्रा बेचय। पचास साल ले टेशन मास्टर रहे बंगाली बाबू… Read More
सुन्दरपुर म एक झन बहुत बढ़िया साधु रहय। जेन हर रोज भगवान भक्ति म लीन रहय।येकर कुटिया म बहुत झन… Read More
लघुकथा'तें मोला टूरा-टूरी नइ देस ना सुन्दरी, मे दूसर बिहाव करहूं तें मोला दोसदार मत कबे, काबर नी देत हस… Read More