आज के ये दहेज प्रथा ह सुरसा रक्सिन कस मुंहुं ल उलाके हमर सइघो समाज ल लीलत हवय। ये दहेज… Read More
कोनो कहिदिस, 'गदहा' अउ हम 'गदहा' बन जाबो? नहिं न? त फेर का सोचना, डरना। अतका बात याद रखव दुनिया… Read More
कपड़ा के नांव म कनिहा म नानकुन कपड़ा लटके के रिहिस। चुंदी छरियाय रिहिस। तन बिरबिट करिया। दांत निकले।जाड़ म… Read More
'रामलाल कथे भाई मेहा दसमी पास होगेंव, ये ले मोर अंकसूची कहिके देखाय बर धरथे त देखथे पेपर ह ओकर… Read More
गियारह बजे के बेरा आय। मिथलेस अपन संगवारी मनसन गोठियात जात राहे, त परकास कथे-कइसे रे मिथलेस ! तेंहा अड़बड़… Read More
नोनी मैं तो आन धर के छईहां नई खुंदे रहें, बुता करई तो जानते नई रहें। फेर मोर आदमी के… Read More
एक गांव मा एक बनिया रहत रहिस । ओखर मन करिस त वो ह परदेस कमाय बर निकल गिस ।दूसर… Read More
स्वाधीनता सेनानी डॉ. सम्पूर्णानंद के अपन देस के संस्कृति म खूब सरधा रहिस। वोकर इच्छा रहिस के हमर देस ह… Read More
'केंवटिन ह राम मंदिर बनवाए के सोचिस। महानदी के तीर एक राम मंदिर बनवाए के इच्छा ल अपन घर म… Read More
एक समे के बात आय, एक झन नानकुन लइका पेड़ तरी बइठे रहय अउ का जानी काय-काय बड़बड़ावत रहय। उही… Read More