कहानी

कहानी : रेलवे टईम टेबुल के भोरहा

मँझन के दू बज गे राहय, मूँड़ मा मोटरा लादे, बाखा मा पेटी चपके, गाँव के मोठडाँट मनखे रामू हा… Read More

6 years ago

लघु कथा : ठेकवा नाव ठीक

एक ठन गांव मा ठेकवा नाव के एक-हजयन मइनखे रहाये, ओला अपन ठेकवा नाव बने नइ लागे ता हो हा… Read More

6 years ago

लोक कथा : लेड़गा के कड़ही

- वीरेन्द्र ‘सरल‘ एक गांव म एक झन डोकरी रहय। डोकरी के एक झन बेटा रहय, गांव भर के मनखे… Read More

6 years ago

गंगार : नान्‍हें कहिनी

(1) मनखेमन गड़े धन के पाछू भागत रइथे, कमाय बर झन परे अऊ फोकट मा धन पा जई, एकझिन मनखे… Read More

6 years ago

लोक कथा : लेड़गा मंडल

- वीरेन्द्र ‘सरल‘ एक गांव म एक झ लेड़गा रहय। काम बुता कुछ नइ करय। ओखर दाई ओला अड़बड़ खिसयावय।… Read More

6 years ago

गति-मुक्ति : छत्तीसगढी कहिनी संग्रह

गति-मुक्ति ( छत्तीसगढी कहिनी संग्रह ) रामनाथ साहू वैभव प्रकाशन रायपुर ( छ.ग. ) छत्तीसगढ राजभाषा आयोग रायपुर के आर्थिक… Read More

6 years ago

लोक कथा : लेड़गा के बिहाव

- वीरेन्द्र ‘सरल‘ एक गाँव म एक गरीब लेड़गा रहय। ये दुनिया म लेड़गा के कोन्हों नइ रिहिस। दाई रिहिस… Read More

6 years ago

कहिनी : राजा नवयुग के मंत्रीमंडल

सतराज नाव के बड़ सुग्घर राज्य मा सत्यबीर सिंह नाव के प्रतापी राजा राज करय, वइसे तो ओखर नाम बीर… Read More

6 years ago

लोक कथा : लेड़गा के बिहाव

-वीरेन्द्र ‘सरल‘ एक गाँव म एक गरीब लेड़गा रहय। ये दुनिया म लेड़गा के कोन्हों नइ रिहिस। दाई रिहिस तउनो… Read More

6 years ago

दोखही के दुख (लघु कथा)

सुखिया के बिहाव ह जेन दिन लगिस उही दिन ले सुखिया के आंखी मं बिहाव के नेंग-जोंग ह आंखी-आंखी मं… Read More

6 years ago