कहानी

मया के रंग : लघु कथा

सुकलू ह होली तिहार के दिन परछी मं बइठे रहिस। ओकर टुरा किशन ह अपन दाई ल बतावत रहिस, काकी… Read More

6 years ago

कहानी : डाक्टर बिलवा महराज के बेटा पीच दारू

आज गाँव म स्वक्षता अभियान बर रैली निकले हे,मेडम-गुरु जी मन आगू-पाछु रेंगत हे ! स्कूल के जतका लइका हें… Read More

6 years ago

लघुकथा : कन्या भोज

आज रमेश घर बरा, सोंहारी, खीर, पुरी आनी बानी के जिनीस बनत राहय। ओकर सुगंध ह महर महर घर भर… Read More

6 years ago

कहानी : सेमी कस बँटागे मनखे

रामपुर नाव के एक ठन सुग्घर गाँव रीहिस, जिहाँ के सब मनखे सुनता सलाह अउ संगी मितानी, छोट-बड़े ला मान… Read More

6 years ago

छत्‍तीसगढ़ी लघु कथा : दांड़

सुन्ना घर पइस त सुकालू ह सुखिया के हाथ-बांह ल धर दिस। ये गोठ ह आगी सरीक गांव भर मं… Read More

6 years ago

नान्हे कहिनी – मन के पीरा

आज बिहनिया जुवार चंपा अउ रमेसरी नल मेर पानी भरे के बेरा म संघरिन त चंपा ह रमेसरी ल ठिठोली… Read More

6 years ago

काकर लइका होइस – छत्‍तीसगढ़ी लघु कथा

सुखिया ह नवा-नवा बहू बनके आय रहिस। गांव के मन नवा बहूरिया ल देखे बर आवय त काहय,मनटोरा तय हर… Read More

6 years ago

नवा साल : कहानी

जोहत कका ह हमर तीर-तार भर म नामही मंदहा बढई के नांव ले जाने जाथे। फेर ओकर गुन ले जादा… Read More

6 years ago

नवा बछर के शुरुआत : कहानी

स्कूल के लइका मन गोठियावत रइथे कि ये पइत नवा बछर के शुरुआत कोन ढ़ंग ले करबो, त जम्मों झन… Read More

6 years ago

इस्कूल : छत्‍तीसगढ़ी कहानी

राज-छत्तीसगढ़, जिला-कवरधा, गांव- माताटोला, निवासी- गियारा बारा अक सौ, इस्कूल- सरकारी पराइमरी, कच्छा- पांचमी तक,  गुरुजी-तीन, कुरिया- चार। बरामदा -पहिली… Read More

6 years ago