इही ल कहिथे मितानी संगी बनथे जउन ह छानी संगी। दुख के घड़ी म आँसू पोंछय ओकर गजब कहानी संगी।… Read More
जउन हर सत्ता धारी हे। उही मन तो बैपारी हे। जिनकर डमरु बजात हावै, सही मा ओ ह मदारी हे।… Read More
कइसे मा दिन बढ़िया आही। कइसे रतिहा अब पहाही। गाए बर ओला आय नहीं, कइसे ओ हर ताल मिलाही। बिन… Read More
झन फँसबे माया के जाल, सब के हावै एके हाल। कतको तैं पुन कमाले, एक दिन अही तोरो काल। कौनो … Read More
ढेरेच्च गुमान भरल, मनखे कर जात । तेकर सेथी बिगडिस, मनखे कर जात ।। धरती कर रेंगइया, तरई ला माँगे।… Read More
आँसू के कीमत तैं का जनाबे। प्रेम- मोहब्बत तैं का जानबे। झगरा हावै धरम अउर जात के, हे असल इबादत… Read More
सोंचत-सोंचत रहिगेन हमन भूकत, उछरत, घूमत हावै, गाँव के मतवार मन, लाँघन, भूखन बइठे हावै, कमिया अउ भुतियार मन। राज… Read More
का जनी कब तक रही पानी सगा कब तलक हे साँस जिनगानी सगा आज हाहाकार हे जल बूँद बर ये… Read More
दिन कइसन अच्छा आ गे जी। मरहा खुरहा पोक्खा गे जी ।। बस्ती बस्ती उजार कुंदरा महल अटारी तना गे… Read More
1 जंगल के तेंदू - चार नँदागे, लाखड़ी, जिल्लो दार नँदागे। रोवत हावै जंगल के रूख मन, उनकर लहसत सब… Read More