फुटहा दरपन हरियर छइहाँ हर उदुप ले हरन हो गे तपत, जरत-भूँजात पाँव के मरन हो गे। घपटे रहि जाथे… Read More
पहाड़-कस गरू हवय अँधियारी रतिहा टोनही बन गे हे एक कुआँरी रतिहा। बने रद्दा ह बने नइ लागय मनखे ला… Read More
पता नइयेकखरो बिजहा ईमान के पता नइये कखरो सोनहा बिहान के पता नइये। घर-घर घपटे हे अँधियारी भैया गा सुरुज… Read More
पेट सिकन्दर हो गे हे मौसम अजगर हो गे हे। निच्चट सुक्खा पर गे घर आँखी पनियर हो गे हे।… Read More
मन रोवत हे मुँह गावत हे का कहिबे गदहा घलो कका लागत हे का कहिबे? अब्बड़ अगियाए लागिस छइहाँ बैरी… Read More
होगे फ़ागुन हा सर पे सवार 'जोहार ले जोहार ले जोहार।नरवा खलखल हांसत है,नवा नवा फ़ूटत है धार्।(जोहार ले -… Read More
देखतेच हौ बाती तेल सिराय अमर देखतेच हौबुझागे हवय दियना हमर देखतेच हौछोड़ किसानी अफसर बनिहौं कहिके टूरा लटक गीस… Read More
हमरे गाल अउ हमरे चटकन बांध झन बिन गुड़ के लड़वा सिरिफ बानी म घर हजारों के उजर गय तोर… Read More
मुरहा पोटरा आन ददा, लात ल तंय झन तान ददा। पानी टेक्टर भुइया तोर, हमला नौकर जान ददा। छेरी पठरू… Read More
सुरूज ला ढि़बरी देखाए देबेकरबे करम तो कमाये देबे,बारी म बीहन जगाए देबे।बदरी ले पानी उतर आही,जंगल म बंसी बजाए… Read More