करिया करिया बादर छागे, सनन सनन पुरवैया चलै ना उमड़ घुमड़ के गरजन लागे, कड़क कड़क के बिजुरी चमकै ना… Read More
अजब संसार होगे, चोर भरमार होगे चोरहा के भोरहा म चंउकीदार उपर सक होथे सच बेजबान होगे, झूठ बलवान होगे… Read More
सुनो रे संगी ! सुनो रे सांथी ! सुनो मोर मितान ! देसी राज म गोहार होवथे, होगे मरे बिहान… Read More
बनगे छतीसगढ़ धाम, अब तो किरपा कर राम ।। तोर ममा गोते हा राज बनगे। कभू सोचे नइ रहे होबे,… Read More
सरर-सरर फरर-फरर बहे पुरवाही। सावन सवनाही तब धरती हरियाही॥ बूंद गिरे भुइयां मं सावन के झर-झर। बिजुरी के तड़-तड़ बादर… Read More
असीस देवे वो देवारी अउ दुकाल-अकाल बेटी के बिदा पन्द्रह अगस्त मडई देखे जाबो उँकरे बर सनमान मडइके के मया… Read More
सावन के का बात हे भाई सावन तो मन भावन ए सबो महीना आथे- जाथे फेर सावन तो सावन ए… Read More