गीत

एक डंडिय़ा : माटी के पीरा…

ए माटी के पीरा ल कतेक बतांव, कोनो संगी-संगवारी ल खबर नइए। ए तो लछमी कस गहना म लदे हे… Read More

12 years ago

चोला माटी के हे राम

चोला माटी के हे राम एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे चोला माटी के हे हो हाय चोला… Read More

12 years ago

धरनहा – पं. जगमोहन प्रसाद मिश्र के गीत

तोर भोली सुरत मोला निक लागे रे, मोला निक लागे ।हरियर हरियर लुगरा पहिरे चूरी कारी कारीधीरे धीरे आवत रहे… Read More

13 years ago

चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 6 : अरुण कुमार निगम

मात-पिता के मान हो, गुरु के हो सम्मान।मनखे बन मनखे जीये, सद्बुद्धि दे दान।। ओ मईया ......लोभ मोह हिंसा हटे,… Read More

13 years ago

अरुण कुमार निगम के गीत : नइ भूलय मिट्ठू तपत कुरु ….

आई लव यू.........आई लव यू....तयं बोल रे मिट्ठू , आई लव यू....तपत कुरु के गये जमानाबोल रे मिट्ठू - आई… Read More

13 years ago

तपत कुरु भ‍इ तपत कुरु

तपत कुरु भ‍इ तपत कुरुबोल रे मिट्ठु तपत कुरुबडे बिहनिया तपत कुरुसरी मँझनिया तपत कुरुफ़ुले-फ़ुले चना सिरागेबाँचे हावय ढुरु-ढुरु ॥चुरी… Read More

13 years ago

होले तिहार

होले तिहार बड़ निक लागेसबके मन -मा उमंग जागे.समधिन मारे पिचकारी,समधी ला बड़ सुख-सुख लागे. आमा मऊँरिन,परसा मन, पहिरिन केसरिया… Read More

13 years ago

केसरिया रंग मत मारो कान्हा

छत्तीसगढ़ के प्रयागधाम राजिम म भगवान राजीवलोचन संग होली खेले के जुन्ना परम्परा हे। घुलैण्डी के दिन जब राजीवलोचन के… Read More

13 years ago

कान्हा के होली ( छत्‍तीसगढ़ी फाग गीत )

रंग बगरे हे बिरिज धाम माकान्हा  खेले रे होली वृन्दावन ले आये हवे गोली ग्वाल के टोली कनिहा में खोचे बंसी मोर मुकुट लगाये यही… Read More

13 years ago

होली गीत

होगे फ़ागुन हा सर पे सवार 'जोहार ले जोहार ले जोहार।नरवा खलखल हांसत हे,नवा नवा फ़ूटत हे धार।(जोहार ले -… Read More

13 years ago