मन के धन ला छीन पराईसटूटिस पलक के सीपउझर गे पसरा ओखरबांचे हे दू चारकि अखिंयन मोती ले लो ।आस… Read More
मोर सारी परम पियारी गारइपुरहिन अलग चिन्हारी गाकातिक मा जइसे सियारी गा फ़ागुन मा जइसे ओन्हारी गा हाँसय त झर-झर… Read More
तोला देखे रेहेंव गा, तोला देखे रेहेंव गा ।धमनी के घाट मा बोईर तरी रे ।।लकर धकर आये जोही, आंखी… Read More
चल संगवारी ! चल संगवारिन ,धान लुए ला जाई ,मातिस धान-लुवाई अड़बड़ ,मातिस धान-लुवाई.पाकिस धान- अजान,भेजरी,गुरमटिया,बैकोनी,कारी-बरई ,बुढ़िया-बांको,लुचाई,श्याम-सलोनी.धान के डोली पींयर-पींयर,दीखय… Read More
छत्तीसगढ़ के नामी कबि गीतकार साहित्यकार लक्षमण मस्तुरिहा कवि सम्मेलन म -आरंभ मा पढव : - साथियों मिलते हैं एक… Read More
छत्तीसगढ़ के नामी कबि गीतकार साहित्यकार लक्षमण मस्तुरिहा कवि सम्मेलन म - आरंभ मा पढव : - साथियों मिलते हैं… Read More
पींवरा लुगरा पहिरे धरतीहांसत हे, सोनहा धान के बाली ह।पींवरा पींवरा खेतखार दिखत हे,कुलकत हे अन्नपूर्णा महरानी ह॥गांव-गांव म मात… Read More
बस मे कब ले ठाढे हँव बइठे बर जघा दे देले दे खुसर पाये हँव निकले बर जघा दे देभीड… Read More
(राजनीतिज्ञो ने जो पशुता के क्षेत्र मे उन्नति की है उससे सारे पशु आतंकित है)पिछू पिछू जाथे तेला छटारा पेलाथे… Read More