चंदन हे मोर देस के माटी, पावन मोर गांव हे ।बाजय जिंहा धरम के घंटी, तेखर छत्तीसगढ नाव हे ।।होत… Read More
मुंड़ मे छैइहा तन भर बस्तर भूखन करंय बियारी उजियारी के समुन्हें भागे घपटे सब अंधियारी सबके होवय देवारी अइसन… Read More
गोठ गुने के गोठियांथव थोरुक सुन लव संगवारी न कउनो निंदा फजीहत न कउनो के चारी निरबंसी के धन मत… Read More
आज मोर अंगना म छागे उजियारी चमकत जगमगावत आगे देवारी।चैत मानेन रामनवमी, बैसाख अक्ती ल। पुतरा-पुतरी बिहा करेन, चढ़ायेन तेल… Read More
चढ़के सरग निसेनी सुरूज के मति छरियागे हाय रे रद्दा रेंगोइया के पांव घलो ललियागे।बढ़े हावे मंझनिया संकलाए हे गरूआ… Read More
रइहीं तरिया म मनखे, पानी आबे,अमुआ डारी म बइठे जोहत रइहौं।घर म सुरता भुलाये, बइठे रहिबे,कोला बारी म मैंहा, ताकत… Read More
सपना सही तैं आये चल देहे मोला छोड़,सुरता हर आथे तोर,सुरता हर आथे तोर।आके तीर म पूछे तैंहा, सीट हावै… Read More