हमर देस के सान तिरंगा, आगे संगी बरखा रानी, बिन बरसे झन जाबे बादर, जेठ महीना म, गीत खुसी के… Read More
घानी मुनी घोर दे पानी .. दमोर हे हमर भारत देसल भइया, दही दूध मां बोर दे गली गांव घाटी… Read More
खरोरा निवासी पुरुषोत्तम लाल ह छत्तीसगढ़ी म प्रचार साहित्य जादा लिखे हे। सन 1930 म आप मन ह कांग्रेस के… Read More
उरमाल म मयारू (गजामूंग) तोर मुंह ल पोंछव उरमाल म, उरमाल म ग बईहा तोर मुंह ल पोछवं उरमाल म।… Read More
बखरी के तुमा नार बरोबर मन झूमरेे, डोंगरी के पाके चार ले जा लान दे बे । मया के बोली… Read More
कोइली के गुरतुरबोली मैना के मीठी बोली जीवरा ल बान मारे रेे ... गिरे ल पानी चूहे ल ओइरछा, तोर… Read More
ये भंवा के मारे रे मोर रसिया तिरछी नजरिया भंवा के मारे । सिरपुर मंदिर म भरे ल मेला तोला… Read More
चौरा म गोंदा रसिया मोर बारी म पताल हे चौरा म गोंदा । लाली-गुलाली छींचत अइबे राजा मोर मैं रहिथंंव… Read More
लागे रहिथे दिवाना, तोर बर मोर मया लागे रहिथे । लागे रहिथे दिवानी तोर बर मोर मया लागे रहिथे ।… Read More
सुन संगवारी मोर मितान, देस के धारन तंही परान हरावय करनी तोर महान, पेट पोसइया तंही किसान कालू बेंदरुवा खाय… Read More