हमर भारत भुइया के माटी म सबो धरम सबो जाति के मनखे मन रइथे। अउ सबो धरम के मनखे मन… Read More
होली हे भई होली हे, बुरा न मानों होली हे। होली के नाम सुनते साठ मन में एक उमंग अऊ… Read More
ए दे, होली आ गे। फागुनी बयार ले गांव-गली, जंगल-पहाड़, सहर डहर चारों कोती मया महरथे। पऊर साल के होली… Read More
हमर हिन्दू धरम मा नारी के दरजा ला नर ले ऊँच माने गे हावय। सबले सुग्घर बात हमर पुरखा के… Read More
मिरचा कहिबे ताहन सुनईया अउ कहईया दूनो के मुहु चुरपुराय अउ आँखी झरझराय सरीख लागथे, फेर उही मिरचा ला हमर… Read More
समे बदल गेहे जमाना कती ले कती भागत हे तेकर ठिकाना नईये, जमाना सन पल्ला भगैईया हमर मन के मगज… Read More
देवता मन के देव महादेव ला प्रसन्न करे खातिर महाशिवरात्रि के परब हा सबले बड़े परब माने जाथे। वइसे तो… Read More
विकसित होत गांव-सहर म जतना तेजी ले सिक्छा ह आघु नई बढहे हे, तेखर ले जादा तेजी ले अंधबिस्वास के… Read More
गांव-गवई म मेला मड़ाई के बढ़ महत्व हे, गांव के देवी-देवता के पूजा-पाठ कर के ओला खुशी अउ उल्लास के… Read More
हर जघा, देस, प्रदेस अउ छेत्र के कोई न कोई खास पहिचान होथे। हमर प्रदेस छत्तीसगढ़ के घलो अइसे कई… Read More