गोठ बात

संवैधानिक आजादी के सुख पहुंचय आम जनता तक

सिरिफ केन्द्र के राजधानी दिल्ली, प्रांत मन के राजधानी अउ जिला मन के राजमार्ग भर म हरेक साल भारी-भरकम के… Read More

14 years ago

गुड़ी के गोठ – संस्कृति बिन अधूरा हे भाखा के रद्दा

भाखा के मापदण्ड म राज गठन के प्रक्रिया चालू होए के साथ सन् 1956 ले चालू होय छत्तीसगढ़ी भाखा ल… Read More

14 years ago

गुड़ी के गोठ – आरूग चोला पहिरावयं

जब कभू संस्कृति के बात होथे त लोगन सिरिफ नाचा-गम्‍मत, खेल-कूद या फेर जे मन ल सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत… Read More

14 years ago

आदि परब के अद्भुत रंग – सुशील भोले

गुड़ी के गोठ बसंत ऋतु संग बलदे मौसम के नजारा संग कला-जगत के घलो रंग बदलत देख के मन गदगद… Read More

14 years ago

छत्तीसगढ़ी लोक कला के धुरी ‘नाचा’

'जुन्ना समय अउ अब के नाचा म अब्बड़ फरक होगे हे। जुन्ना नाचा कलाकार मन रुपिया-पइसा के जगह मान सम्मान… Read More

14 years ago

प्रकृति के नवा सिंगार अउ नवा बछर

सुशील भोले भईया ला सुनव यूट्यूब मा - विडियो साभार - http://www.youtube.com/user/webmediablogभारतीय नव वर्ष माने चैत महीना के अंजोरी पाख के… Read More

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सुन्ना कपार – उतरगे सिंगार

''मास्टरिन के बात ल सुन के मैं ह खुस होगेंव के देखव तो अब इंकर मन म जागे के चिनगारी… Read More

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शिवरीनारायण के मेला

इहां एक शिवलिंग हावय। ऐसे कहे जाथे के ये शिवलिंग म सवा लाख छिद्र हावय। येमा सिक्का डाले ले सिक्का… Read More

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जुन्ना सोच लहुटगे हमर रंग बहुरगे

सर्दी के मौसम के जाती अउ गरमी के आती के बेरा एक संधिकाल आय। ये संधिकाल के मौसम के 'काय… Read More

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जानबा

ये दिन हा कतका धन्य हे के 14 फरवरी 2010 दिन इतवार म महावर धरमसाला धमतरी के बडक़ा ठउर म… Read More

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