गोठ बात

नौ बछर के छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ राय जब तक गर्भ म रहिस हे तब तक ओ ह छटपटावत बहुत रहिस हे। कमजोर महतारी ह ओखर… Read More

14 years ago

मया बर हर दिन ‘वेलेन्टाइन डे’ होथे

अपन मया ल देखाय बर एक तिहार मनाये जाथे। जेन ल 'वेलेन्टाइन डे' कहे जाथे। येला आज जम्मो दुनिया के… Read More

14 years ago

बसंत ल देखे बर सिसिर लहुटगे

सिसिर रितु, पतझड़ ल न्यौता दिस 'आ अब तैं आ मैं दूसर जगह के न्यौता म जात हावंव। तोला इंहा… Read More

14 years ago

‘छत्तीसगढ़ के कलंक आय लोककला बिगड़इया कलाकार’

अनाप शनाप एलबम के सीडी म रोक लगना चाही: प्रतिमापंडवानी गायिका प्रतिमा बारले संग विजय मिश्रा 'अमित' के गोठ बातछत्तीसगढ़… Read More

14 years ago

14 वां वार्षिक साहित्य सम्मेलन 2010

ये दिन हा कतका धन्य हे के 14 फरवरी 2010 दिन इतवार म महावर धरमसाला धमतरी के बडक़ा ठउर म… Read More

14 years ago

विकास के कीमत तो चुकाय ल परही

ये तथ्य ल सबो जानथे के धरती के इतिहास कतक पुराना हे। अउ अभी तक के ज्ञात इतिहास में धरती… Read More

14 years ago

नदिया के पीरा

जल, जल माने पानी, ह प्राकृतिक संसाधन म सब ले ऊपर आय। येखर बीना परानी जगत के कल्पना घला नइ… Read More

14 years ago

अपन घर के देवता ल मनइबो

जैतखाम ल सतनाम धरम के अनुयायी आस्था के चिन्हा मानथे अऊ येकर पूजा पाठ करत रथे। खाम के ऊपर मं… Read More

14 years ago

आज जरूरत हे सत के

कोनो भी चीज के जब अति होथे त ओह फुट जाथे। कर्मकांड, पाखंड के अति ह, जनम दिस सत ल।… Read More

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छत्तीसगढ़ी भासा : उपेक्छा अउ अपेक्छा (एक कालजयी आलेख)

    हमर ये समय ल, जेमा हम जीयत हन जमों ला भुला जाय (स्मृति भंग) के समय कहे जा रहे… Read More

14 years ago