गोठ बात

छत्‍तीसगढी गोठ बात : जंवरा-भंवरा

एतवारी बजार के दिन । जाने चिन्हें गंवई के मोर संगवारी सिदार जी असड़िहा घाम म किचकिचात पसीना, म लरबटाये,… Read More

15 years ago

छत्‍तीसगढी गोठ बात : जंवरा-भंवरा

एतवारी बजार के दिन । जाने चिन्हें गंवई के मोर संगवारी सिदार जी असड़िहा घाम म किचकिचात पसीना, म लरबटाये,… Read More

15 years ago

कइसे होही छत्तीसगढ़िहा सबले बढ़िहा?

    ''सतरूहन या सतरोहन नाव त इसकूल म गुरुजी ह सुधार के शत्रुघन या शत्रुहन लिख देथे। अउ एक… Read More

15 years ago

छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य अउ देशबन्धु

अभी-अभी जुलाई के देशबन्धु अपन स्वर्ण जयंती मनइस हावय। रायपुर के निरंजन धरमशाला म बहुत बडे आयोजन होईस। हमर मुख्य… Read More

15 years ago

लहरागे छत्तीसगढ़ी के परचम

आखिर लहरागे छत्तीसगढ़ी के परचम। छत्तीसगढ़ी भासा ल राजभासा के रूप म आखिरी मुहर लगाय बर बाकी हे। अऊ विदेस… Read More

15 years ago

नंदावत पुतरा-पुतरी – सुधा वर्मा

अक्ती (अक्षय तृतीया) बैसाख महिना के तीज ल कहिथें, तीज अंजोरी पाख के होथे। ये दिन ल अब्बड़ पवित्र माने… Read More

15 years ago

कहिनी म नारी पात्र के सीमा रेखा – सुधा वर्मा

छत्तीसगढ़ी कहानी म नारी के रूप काय होना चाही। कहानी के नायिका, छत्तीसगढ़ के नारी के आदर्श होना चाही या… Read More

15 years ago

वर्तमान ह सच आय – सुधा वर्मा

आज के समय म वर्तमान म जियइया मनखे कमती देखे बर मिलथे, सब बड़े-बड़े सपना ले के चलत हावंय अउ… Read More

15 years ago

हमन कहां जात हन – सुधा वर्मा

रामकुमार साहू के कविता संग्रह के भूमिका लिखत रहेंव त ओमा एक लेख ''तईहा के ला बइहा लेगे'' ल पढ़त-पढ़त… Read More

15 years ago

दिसाहीनता – सुधा वर्मा

एक समय रहिस हे जब हर पढ़इया अपन गुरू के सम्मान करंय। रद्दा म रेंगत गुरूजी ह हर राहगीर सम्मान… Read More

15 years ago