भगवान संग नता-रिस्ता- छत्तीसगढ़ के खास पहिचान आय

हर जघा, देस, प्रदेस अउ छेत्र के कोई न कोई खास पहिचान होथे। हमर प्रदेस छत्तीसगढ़ के घलो अइसे कई ठी पहिचान हे। जेमा छत्तीसगढ़ के मंदाकनी महानदी , छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम, छत्तीसगढ़ के संस्कृति, छत्तीसगढ़ के परंपरा अउ रीति-रिवाज, छत्तीसगढ़ के मान्यता, छत्तीसगढ़ के तिरिथ-धाम जइसे जुन्ना पहिचान के नांव गिनाय जा सकथे तो छत्तीसगढ़ के एक नवा पहिचान राजिम कुंभ मेला ल माने जा सकथे। जिहाँ तक मानता के बात हे छत्तीसगढ़ मानता के मामला म घलो बहुत बड़हर हे। एक ठी प्रसिद्ध मानता हे के छत्तीसगढ़…

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छत्तीसगढ़ी भाषा : समस्या अउ संभावना

छत्तीसगढ़ी भाषा के अपन अलग महत्तम हवय जइसे कि हर भाषा के होथे। छत्तीसगढ़ी भाषा में गोठियाय ले हमन ला अड़बड़ आनंद के अनुभव होथे काबर कि ये हर हमर माई भाखा आय। जब ले जनमें हावन ये भाखा हर तब ले हमर कान में घर कर ले हावय। अपन दाई-बबा के अउ महतारी-बाप के गोठ-बात ला हमन यही भाखा में सुने हावन। अपन अंतस के सुख अउ दुख ला हमन यही भाखा में बताथन तभे हमर जीव ला संतोष मिलथे फेर जइसे-जइसे हमन तरक्की करत जावत हावन हमन अपने…

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झन बिसावव सम्मान

अभी के बेरा म कला अउ कलाकार के कमी नई हे। किसिम किसिम के कलाकार ह अपन कला ल देखाथे। हमर बीच म कतको अकन अइसन कलाकार रिहिस जेन मन अपन कला के बल म सरी दुनिया ल दांत तरी अंगरी चाबे बर मजबूर कर दिन। फेर उन कलाकर मन मान अउ सम्मान के थोरको आस अपन मन म नई राखिस। पहिली के कला ह कलाकार मन बर एक साधना रहय। इही साधना ल पूरा करत करत कतको बछर ह बीत जावय। अउ अब्बड़ सुग्घर कला ह उपजय। कलाकर मन…

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संबंध मिठास के नांव ताय मड़ई ह

खेत के सोनहा धान ल जब किसान मन बियारा म काटके लाथे, उहा ले मींज के माई कोठी म लाके रखथे त घर म लक्ष्मी के वास से सबो मनखे मन के हिरदे म एक खुशी झलकत रीथे। उही बीच म थोरकिन मिहनत करैईया सबो मनखे मन ह अपन आप ल ठलहा अऊ काम के बोझ ले उबर गेन कहिके गाँव के पंचाईत म सबो कोही जुरियाथे जेमे मड़ई मनाय के तारिख ल मिरजुर के करार करथे। अईसे कहिबे त हमर छतीसगढ़ के संस्कीरति अऊ परमपरा ल पहिचान देय के…

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महानदी पैरी अउ सोढुर तीनो के मिलन इस्थान म लगथे राजिम मेला

तीन नदी के बने पुनय संगम इस्थल राजिम दाई के धाम ह महानदी पैरी अउ सोढुर नदी छत्तीसगढ़ के तीरथ इस्थान कहाथे। जेमा हर बछर माघी पुन्नी म कुलेश्वर महादेव के मंदिर मेर महाशिवरातरी के बेरा म बड़का मेला भराथे। जेन ह अभी के आने वाला समय म कुंभ के बड़का रूप धर ले हे। ये मेला ह हर बछर महाकुम्भ के नाव ले भराथे, अउ पूरा छत्तीसगढ़ म परसीध हे। जेमा देवी गंगा के आरती के बरोबर दाई महानदी के आरती करथे, येखर पूजा करथे, जेखर पूरा वयवसथा सांस्कृतिक विभाग अउ अस-पास के…

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छत्तीसगढी गीत अउ साहित्‍य

तीन बछर पहिली के बात हरे। में ह अपन एक झन संगी दुनों एक ठ परीक्छा देवाय खातिर गे रहेंव। परीक्छा सुरू होय म थोरिक समे रिहिस त थोरिक मन बहलाय बर अपन मुबाईल म छत्तीसगढी गीत सुने लागेंव। ओतका बेर में हा पारंपरिक ददरिया गीत सुनत रेहेंव। मोर मुबाईल के गीत ल सुनके वो संगी ह किथे-तोर गाना ल बंद कर यार! में पूछेंव-काबर? वो हा किहिस-छत्तीसगढी गीत घटिया रथे। मत सुने कर। जेन संगी के में ह बात करत हंव वो संगी ह मूलत:राजस्थानी हरे। फेर उंकर परवार…

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दामाखेड़ा धरम धाम के मेला

माघी पुन्नी मा चलव, दामाखेड़ा धाम। दरसन ले साहेब के,बनथे बिगड़े काम। मनखे हा समाज ले अलग अकेल्ला कभूच नइ रही सकय अउ मनखे ले धरम हा अलग नइ हो सकय। आज देश अउ दुनिया रंग-रंग मनखे हे ता ओखर संग रंग-रंग के धरम अउ संप्रदाय घलाव जुड़े हावय। ए मामला मा हमर छत्तीसगढ़ हा घलो आरुग नइ हे। इहों रिंगी-चिंगी धरम अउ संप्रदाय हावय। अइसने एकठन कबीर पंथ हमर छत्तीसगढ़ मा चलन मा हावय। कबीर पंथ के बिचार अउ बेवहार,विधि-विधान जस के तक इहों चलागत मा हे जइसे संसार…

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पंच परमेश्वर के झगरा मा नियाव कइसे होही

इतवार के दिन संझा रमेसर के बेटी के आनजात होय के नियाव के बइटका सकलाय के हांका परिस। गांव के सियान मन संझा समाजिक भवन मा सकलाइन। आठ गांव के परमुख सियान घलो बलाय रहिस।कुरियाभर चमाचमा के मनखे बइठ गे। गांव के परमुख सियान ह पुकार करिस- रमेसर , बता जी कायबर बला हस? रमेसर कहिस मोर नोनी ह आनजात होगे। समाज मोला छोड़ देहे। मै समाज के संग मा रहू ,मोला लहरा ले लव। गरीब मनखे ल समाज ले बाहिर होके जिनगी बिताय बर दूभर हो जाथे, चार गंगा…

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छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी भाखा के नइ होत हे विकास

अठ्ठारा बछर होगे हे, हमर छत्तीसगढ़ राज ल बने, अउ दस बछर होवत हे छत्तीसगढ़ राज भासा आयोग ल बने। तभो ले अभी तक छत्तीसगढ़ी भाखा के कोनो विकास नइ हो पाये हे, कतको जघा मनखे मन ये नइ जान सके हे कि छत्तीसगढ़ी ह बोली आए के भाखा। आजो तक ले कतको मनखे मन ये गोठ म संसो करथे, बोली कहबो त पुरा छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी ल गोठियावय नही अउ भाखा हे त अठ्ठारा बछर म ना आयोग अउ न ही सरकार येला अनुसूची म सामिल करा पाये हे।…

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बाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया

हमर छत्तीसगढ़ के भूइंया हा पबरित अउ महान हे जेमा बड़े बड़े ग्यानिक अउ बिद्वान मन जनम धरीन।जौन देस अउ समाज ल नवा रद्दा बताइन।छत्तीसगढ़ बीर मन के भुइंया हरे फेर इही भुइंया मा गहिरागुरु, स्वामी आत्मानंद जइसन समाज सुधरइया अउ रद्दा बतइया मन जनम धरीन। इही मा एक नाव गुरु बाबाघासीदास घलो हे। जौन छत्तीसगढ़ के माटी मा बच्छर 1756 मा महंगूदास अउ अमरौतिन के कोरा ला धन्य करिन। गुरु घासीदास के जनम जौन बखत होइस ओ बेरा समाज हा जातिभेद, टोनहा टोनही,ऊंचनीच, गरीबी, दरिद्री ले जुझत रहिस।छुआछूत के…

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