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गोठ बात

पितर पाख के असल मान राख : जीयत मा डंडा-मरे मा गंगा

सावन के लगते साठ वातावरन हा भक्ति भाव ले भर जाथे। मन मा सरद्धा बतरकीरी कस जाग जाथे। तीज तिहार के घलो रेला-पेला लग जाथे। सरी देवी-देवता मन के आरी-पारी लग जाथे अउ संग मा पुरखा मन के सुरता अउ सरद्धा समे आ जाथे। भादो महीना के पुन्नी ले शुरु हो के कुँवार महीना के […]

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पीतर पाख

हमर हिंदू धरम के अनुसार जेखर जनम होय हाबय ओखर मरना निसचित हाबय। अपन परिवारदार के सरगवासी होय के बाद पितर मिलाथन। भादो के उजियारी पाख पुन्नी से लेके असवीन मास के अमावस तक हमन अपन पितर देवता मन के पूजा-अरचना करथन। ’’श्रद्धा इदं श्राद्धम्’’ मतलब जो श्रद्धा से किये जाथे, वोला सराध कइथे। पितर […]

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सिक्छक सिखही तभे सिखाही

हमन नान्हेंपन ले पढ़त आवत हन के सिक्छक हा मोमबत्ती कस होथे जेन हा खुद जर के, खुद खुवार हो के दुसर ला अंजोर देथे। ए बात सोलाआना सिरतोन हरय के सिक्छक हा अपन आप ला परहित मा निछावर करइया जीव हरय। जिनगी भर सरलग सिखइया हा ही सिरतोन मा सिक्छक आय। सिखथे अउ सिखोथे […]

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गुरुजी बने परीक्षा देयबर परही

सरकार के एकठन आदेस घूमत हे तेला पढ़के गुरजी मन के चेत हरागे हे। जौन गुरुजी के 12वीं अऊ कालेज मा 50 परतिसत ले कम नम्बर होही तौन ल परीच्छा देय बर परही।बिन डी एड,बी एड के परीच्छा पास करे गुरुजी बन गेहे वहू ल परीच्छा पास करेबर परही नहीं त ओकर छुट्टी कर दे […]

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लइका मन के देवता गनेस : सियान मन के सीख

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। संगवारी हो तइहा के सियान मन कहय-बेटा! भगवान गनेस हर छोटे-छोटे लइका मन के घलाव देवता हरै रे। फेर संगवारी हो हमन उॅखर बात ला बने ढंग ले समझ नई पाएन। जइसे गनेस पाख आथे, हमन देखथन के छोटे-छोटे लइकन मन घलाव टोली बनाके चौक-चौराहा […]

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नउकरी लीलत हमर तीजतिहार

असाढ़ के लगते ले हमर तीज तिहार सुरु हो जाथे।अइसे तो छत्तीसगढ़ मा बारो महिना तिहार मनातन। चइत के पहिली दिन ले सुरु होय तिहार मा नानम परकार के स्थानीय, परंपरागत अउ रास्टीय तिहार ल बिन भेदभाव के मनाथन। छत्तीसगढ़ के पहिली तिहार अक्ती ल मानथे। अइसने रामनम्मी, जवांरा, हरेली, रथदुतिया, सावन सम्मारी , कमरछठ, […]

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तीजा-पोरा के तिहार

छत्तीसगढ़ में बहुत अकन तिहार मनाये जाथे अऊ लगभग सब तिहार ह खेती किसानी से जुडे रहिथे। काबर के छत्तीसगढ़ में खेती किसानी जादा करथे। वइसने किसम से एक तिहार आथे पोरा अऊ तीजा के। पोरा तिहार ल भादो महिना के अमावस्या के दिन मनाय जाथे। अहू तिहार ह खेती किसानी से जुड़े हवे। पोरा […]

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मोर इस्कूल के गनेस

बच्छर बीत गे,फेर जब गनेस परब आथे तब पढ़ई के बेरा इस्कूल म बइठे गनेस के सुरता आ जाथे। दस दिन ले पढ़ई के संगेसंग भक्ति अऊ नाना परकार के आयोजन अंतस म समा के खुसी देथे।खपरा छानी वाला माटी के सरकारी मिडील इस्कूल, डेढ़ सौ के पढ़इया टुरी टूरा अऊ चार गुरुजी। सबो गुरुजी […]

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माटी के गनेस बइठारव-पर्यावरण के मान बढ़ावव

माटी के मुरति सबले सुग्घर, चिक्कन-चाँदन अउ श्रेष्‍ठ माने गए हावय। माटी के मुरति हा जिनगी के सुग्घर अउ सिरतोन संदेश ला बगराथे के जौन जिहाँ ले आये हे उँहें एक दिन खच्चित लहुठ जाथे। नदिया के चिक्कन माटी ले बने देबी-देवता मन के मुरति हा उही पानी मा जा समाथे। सार गोठ हे के […]

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सबके पार लगइया – किसन कन्हैया

कृष्ण जन्माष्टमी ल पूरा देस में धूमधाम से अऊ बहुत उल्लास के साथ मनाये जाथे।काबर इही दिन भगवान सिरी किसन कन्हैया के जनम होय रिहिसे । जन्माष्टमी ल भारत भर में ही नही बल्कि बिदेस में बसे भारतीय मन भी ऊंहा धूमधाम से मनाथे।जन जन के आस्था अऊ विश्वास के प्रतीक भगवान सिरी कृष्ण ह […]